नई दिल्ली। हिंदी पखवाड़ा के दौरान सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था सुगति सोपान की ओर से हिंदी भाषा के वर्तमान परिदृश्य पर संगोष्ठी और कविता पाठ का आयोजन किया गया। राजधानी के सीएसओआई में आयोजित इस समारोह में एमिलियोर फ़ाउंडेशन, वैदेही फ़ाउंडेशन एवं एडर संस्था के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक हिंदी के विद्वान और विदुषीयों ने अपने वक्तव्य से सभी को जोड़ा। कमला नेहरू कॉलेज की पूर्व उप प्राचार्य डॉक्टर मंजू गुप्ता ,वेंकटेश्वर कॉलेज की प्रोफ़ेसर सुशील गुप्त,डॉक्टर नमिता पांडे ,रिंटु चक्रवर्ती एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र महबूब ने कहा कि हिंदी सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है, जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। यह संभवतः विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, जो हमारे पारम्परिक ज्ञान, प्राचीन सभ्यता और आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतु भी है। अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए श्री आर एन झा ने कहा कि हमें भाषा के विकास के साथ साथ भाषा की शुचिता पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
संगोष्ठी की औपचारिक शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई। सरस्वती वंदना पर नन्हीं बच्ची काव्या की प्रस्तुति को सभी ने सराहा। सुगति सोपान की अध्यक्ष श्रीमती कुमकुम ने अब तक की सुगति सोपान की यात्रा और मंशा को सभी के साथ साझा किया। उन्होंने इस आयोजन के लिए वैदेही फ़ाउंडेशन के अमरनाथ झा सहित श्रीकांत शर्मा, दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर धनंजय जोशी , श्री एन के गोयल, श्री अरुण कुमार शर्मा , श्री अखिलेश मिश्रा , श्री प्रेम चंद्र झा, श्री विमल जी मिश्रा आदि अतिथियों की भूमिका को सराहा।
संगोष्ठी के बाद आयोजित कविता पाठ में डॉक्टर रमा सिंह ,डॉक्टर नीलम वर्मा, निशा भार्गव, डॉक्टर अल्पना सुहासिनी , तूलिका सेठ एवं क्षिप्रा भारती ने अपनी कविताओं से शमां बांध दिया। दोनों सत्रों का कुशल संचालन का डॉक्टर नमिता पांडे एवं श्रीमती भारती त्रेहन ने किया। एडर संस्था की सह संस्थापक श्रीमती अल्पना झा ने संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों को सबके साथ साझा किया एवं अपना धन्यवाद ज्ञापित किया।