राज ठाकरे और अमित शाह की मुलाकात से कितनी बदलेगी राजनीति

 

मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर संकेत दिया कि भाजपा पश्चिमी राज्य में अपने गठबंधन को बढ़ावा देने के लिए लोकसभा चुनाव में उनके साथ गठबंधन करना चाहती है। सोमवार को यहां पहुंचे ठाकरे जब शाह से मिले तो उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े भी मौजूद थे। यदि गठबंधन पर मुहर लग जाती है, तो एमएनएस को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से चुनाव लड़ने के लिए एक सीट दी जा सकती है, जहां उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट का कुछ प्रभाव है।

राज ठाकरे ने तब शिव सेना से नाता तोड़ लिया था, जब वह अविभाजित थी और उसका नेतृत्व उनके चचेरे भाई कर रहे थे। हालाँकि, उनकी एमएनएस ज्यादा प्रभाव नहीं डाल सकी, भले ही उन्हें एक शक्तिशाली वक्ता के रूप में देखा जाता है और उन्हें एक निश्चित अनुयायी प्राप्त है। अतीत में उत्तर भारतीयों के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणियों की भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने तीखी आलोचना की थी।

288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में मनसे का एक विधायक है। 17 साल पहले राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे से अलग होकर महाराष्ट्र नव निर्माण सेना का गठन किया था। पिछले दो सालों में वो कई बार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ नजर आ चुके हैं। राज ठाकरे के साथ आने से बीजेपी को लोकसभा चुनावों के साथ मुंबई महानगर पालिका के चुनावों में फायदा होने की उम्मीद है। 2012 बीएमसी चुनावों में राज ठाकरे की पार्टी को 27 और 2017 के चुनाव में 7 सीटें मिली थी।