नई दिल्ली। कोयले की कमी को लेकर राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में बिजली संकट उत्पन्न हो रहा है। बिजली की मांग और आपूर्ति में भारी अंतर आ गया है। दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि यदि समय रहते केंद्र सरकार ने कोयले आदि की आपूर्ति नहीं कराई, तो स्थिति विकट हो सकती है।
दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि ब्लैक आउट इसपर निर्भर है कि वे (केंद्र सरकार) बिजली देंगे या नहीं। जबतक बिजली देते रहेंगे ब्लैकआउट नहीं होगा, अभी आधी दे रहे हैं। हम महंगी बिजली खरीदकर लोगों को दे रहे हैं। केंद्र ने देश के सभी प्लांट का उत्पादन एकसाथ आधा कर दिया।
ब्लैक आउट इसपर निर्भर है कि वे (केंद्र सरकार) बिजली देंगे या नहीं। जबतक बिजली देते रहेंगे ब्लैकआउट नहीं होगा, अभी आधी दे रहे हैं। हम महंगी बिजली खरीदकर लोगों को दे रहे हैं। केंद्र ने देश के सभी प्लांट का उत्पादन एकसाथ आधा कर दिया: दिल्ली सरकार में ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन pic.twitter.com/yzEFM5p5RY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 12, 2021
सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में कोई कोल पावर प्लांट नहीं है। हम दूसरे राज्यों में स्थित कोयला संयंत्रों से बिजली खरीदते हैं। एनटीपीसी ने अपने सभी संयंत्रों की उत्पादन क्षमता को आधा कर दिया है। इसके दो कारण हो सकते हैं, पहला कोयले की कमी या दूसरा केंद्र ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा है। एनटीपीसी से दिल्ली को लगभग 4000 मेगावाट बिजली मिलती थी, लेकिन आज की तारीख में उससे आधी बिजली भी नहीं मिल पा रही है, जो चिंतनीय है। पूरे देश में बिजली का संकट है।
ध्यान देने बात यह भी है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा था कि पूरे देश में बिजली की स्थिति बेहद नाजुक है। बिजली संकट से निपटने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं और उनकी सरकार नहीं चाहती कि कोई भी आपातकालीन स्थिति पैदा हो।