वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की भागीदारी वर्ष 2030 तक चार गुना बढ़ जाएगी: अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

इस बैठक में भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष श्री एस. सोमनाथ, उनकी टीम के सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी उपास्थित थे।

नई दिल्ली। अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंहने कहा कि यह बड़ी छलांग प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलने और बड़े पैमाने पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी की अनुमति प्रदान करने के हेतु लिए गए एक प्रमुख नीतिगत निर्णय के कारण संभव हुई है। डॉ. जितेंद्र सिंह अंतरिक्ष विभाग की 100 दिवसीय कार्ययोजना की समीक्षा के लिए आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र की वर्तमान स्थिति, अवसरों और भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों का निरीक्षण किया।

इस बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अंतरिक्ष संबंधी स्टार्टअप्स की संख्या वर्ष 2022 में 1 से बढ़कर वर्ष 2024 में लगभग 200 हो गई है, जो इन वर्षों में 200 गुना की अभूतपूर्व वृद्धि है। उन्होंने बताया कि केवल वर्ष 2023 में, लगभग आठ महीनों में भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में लगभग 1000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसके अलावा, यह उद्योग अमृत काल के दौरान प्रधानमंत्री के “सबका प्रयास” के दृष्टिकोण की पुष्टि करते हुए लगभग 450 सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सेवाएं प्रदान करता है।

अंतरिक्ष क्षेत्र के बारे में और जानकारी देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 2030 तक वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी वर्ष 2021 की तुलना में 4 गुना बढ़ने जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में, भारतीय अंतरिक्ष उद्योग का वैश्विक हिस्सेदारी में 2 प्रतिशत का योगदान दिया। मंत्री महोदय ने कहा कि वर्ष 2030 तक इसके 8 प्रतिशत और वर्ष 2047 तक 15 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग राज्य मंत्री महोदय और भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष ने अंतरिक्ष मिशनों में निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी पर भी संक्षेप में बातचीत की। वर्तमान में भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देता है, जिससे इस क्षेत्र में नवाचार और विकास के नई संभावनाएं पैदा होती हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार निजी क्षेत्र उन्नत छोटे उपग्रहों, भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों, कक्षीय स्थानांतरण वाहनों आदि के विकास के लिए नए समाधान पेश कर सकता है। भारतीय समाज में विज्ञान के योगदान के बारे में बात करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि निजी कंपनियां कृषि, पर्यावरण, प्रशासन आदि क्षेत्रों में बड़ी भूमिका निभाएंगी।