क्या किसानों का सरकारी लाभ के लिए आधार करना से जुड़ना अनिवार्य है ? क्या है सच्चाई

देश के किसानों की बेहतरी के लिए मोदी सरकार की ओर से पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई। कई किश्त मिल चुकी है। क्या इसके लिए किसानों के पास आधार होना अनिवार्य है ?

नई दिल्ली। देश में कई जगहों पर किसानों का आंदोलन चल रहा है। किसानों की अपनी कई मांग हैं। दूसरी ओर केंद्र सरकार सहित भाजपा की सरकार यह कहते नहीं थकती की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के लिए एक नहीं कई योजनाओं को शुरू किया गया है। इसका लाभ किसानों को लगातार दिया जा रहा है। पीएम किसान सम्मान निधि योजनाओं का किश्त दिया जा रहा है।
इस बीच सवाल उठ रहा है किसान सम्मान निधि के किश्त का लाभ किसानों को मिल रहा है, क्या उसके लिए आधार अनिवार्य है ? क्या लाभार्थी के बैंक खाता को आधार से लिंक करना अनिवार्य है। आइए , इसके बारे में आपको बताते हैं। यह योजना आधार से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है जिसमें उन किसानों के परिवारों के सभी सदस्यों का विवरण शामिल है जिनके नाम भूमि रिकॉर्ड में दर्ज हैं।

असल में, सरकार ने देश भर के छोटे और सीमांत किसानों को सालाना 6,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना, पीएम-किसान शुरू की। पात्र किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ हर 4 महीने / तिमाही में 2,000 रुपये की तीन किस्तों में जारी किया जाना है, यानी अप्रैल-जुलाई, अगस्त-नवंबर और दिसंबर-मार्च।

इसके अलावा, 01 अगस्त, 2019 की अवधि से संबंधित तीसरी किस्त जारी करने और उसके बाद की किश्तों के लिए लाभार्थियों के डेटा की आधार सीडिंग अनिवार्य कर दी गई थी। हालांकि, सरकार ने 30 नवंबर, 2019 तक लाभार्थियों के डेटा के आधार सीडिंग की अनिवार्य आवश्यकता में ढील दी। लाभार्थियों के डेटा के आधार सीडिंग की यह अनिवार्य आवश्यकता 01 दिसंबर से सभी किश्तों को जारी करने के लिए लागू होती रही । हालांकि, असम, मेघालय और जम्मू-कश्मीर, जहां आधार की पहुंच ज्यादा नहीं है, को 31 मार्च, 2020 तक इस अनिवार्य आवश्यकता से छूट दी गई थी।

PM KISAN योजना से देश भर के 12 करोड़ किसानों को लाभ हुआ है। पीएम किसान योजना किसानों को उनकी जोत के आकार के बावजूद वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह योजना देश भर के किसानों को 6,000 रुपये तक की न्यूनतम आय सहायता प्रदान करती है। राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।