रांची। हाल ही में राजस्थान सरकार की ओर से पुरानी पेंशन स्कीम को लागू कर दिया गया। अब झारखंड सरकार की ओर से भी कहा गया है कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए पुरानी पेंशन योजना पर सरकार विचार करेगी। राज्य में अभी करीब 1.95 लाख स्थाई अधिकारी-कर्मी हैं। इनमें से 1.25 लाख नई पेंशन योजना के दायरे में हैं, जो 2004 में अंशदायी पेंशन योजना लागू होने के बाद बहाल हुए हैं। इन्हें इसका सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से गुरुवार को कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। सरकारी कर्मचारी संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के समक्ष कहा कि वर्तमान सरकार से उन्हें काफी उम्मीदें हैं। मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सदस्यों ने कहा कि राज्य में यह पहली सरकार है, जिसने हमारी मांगों पर सकारात्मक पहल करने की बात कही है। अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी वर्तमान सरकार ने झारखंड प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा की है।
आज आवास में सरकारी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई। अपने निश्चय पत्र 2019 में हमने घोषणा की थी कि वर्ष 2004 के बाद सरकारी सेवा में नियुक्त होने वाले पदाधिकारियों और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करेंगे।
हमारी सरकार अपने वायदे पर कायम हैं। pic.twitter.com/sSLn8Qd7M7— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 24, 2022
मुख्यमंत्री ने सदस्यों से कहा कि कर्मचारी बेवजह हड़ताल या धरने पर न बैठें। यह आपकी सरकार है, अपनी समस्याएं सरकार के समक्ष आप रखें। आपकी समस्याओं पर यथोचित सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार राज्य को बेहतर दिशा की ओर ले जाने का कार्य कर रही है। पिछले 20 वर्षों में कार्यपालिका की उदासीनता के चलते नियमावलियों में कई त्रुटियां व्याप्त थी, इन त्रुटियों को मैं दुरुस्त करने पर लगा हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी सेवाकाल के दौरान सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान देते हैं। मैं सभी पहलुओं पर विचार करते हुए जल्द आप की उचित और नियमसंगत मांगों पर सकारात्मक निर्णय लूंगा।