रांची। भाजपा नेता सुनील तिवारी रेप के आरोप और प्राथमिकी दर्ज होने पर झारखंड की राजनीति गरमा गई है। भाजपा इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बदले की कार्रवाई बताने में लगी हुई है, तो झारखंड मुक्ति मोर्चा इस मामले में पुलिसिया जांच होने तक इंतजार करने को कह रही है।
रांची के अनगड़ा निवासी चैता बेदिया ने झारखंड हाईकोर्ट में हेवियस कॉर्प्स याचिका दायर की है। अपनी इस याचिका के माध्यम से प्रार्थी ने झारखंड हाईकोर्ट से गुहार लगायी है कि उसके परिजनों की रिहाई के लिए अदालत हस्तक्षेप करे। चैता बेदिया ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि उसके परिवारिक सदस्यों को पुलिस बिना किसी कारण उठा कर ली गयी है और कोई भी पुलिस पदाधिकारी या लोकल थाना उन्हें इस बात की जानकारी नहीं दे रहे कि उनके परिजनों को क्यों उठाया गया है।
इसके साथ ही उक्त याचिका में यह भी मांग की गयी है कि या तो पुलिस ने जिन लोगों को उठाया है उन्हें जल्द से जल्द रिहा करें या फिर अगर किसी मामले में वह वांछित हैं, तो अदालत के समक्ष उन्हें पेश किया जाये।
प्रार्थी द्वारा अपने अधिवक्ता निशांत कुमार के माध्यम से 16 अगस्त को इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गयी है। याचिका में अदालत से गुहार लगाते हुए यह मांग की गयी है कि चैता बेदिया के परिवार के सदस्यों को रिहा करवाया जाये। हेबिएस कार्प्स में अनगड़ा थाना प्रभारी समेत ग्रामीण एसपी, रांची एसएसपी के अलावा अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारियों को भी पार्टी बनाया गया है और कहा गया है कि अदालत इस मामले में हस्तक्षेप करे। इस पूरी याचिका में पिछले दिनों रेप के आरोपों के बाद सुर्खियों में रहे सुनील तिवारी का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है।
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि यौन शोषण के आरोप में फंसे अपने राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी के बचाव में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी उतर गये हैं। इसपर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विरोध जताया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि सार्वजनिक जीवन जीने वाले बाबूलाल मरांडी को तो सुनील तिवारी के किचन तक की जानकारी हैं। ऐसे में जरूरी है कि वे पीड़ित आदिवासी बच्ची के साथ हुई आपबीती की सच्चाई की जानकारी पुलिस को दें। अगर एक सार्वजनिक जीवन जीने वाला व्यक्ति ही कानून में रुकावट पैदा करता है, तो आदिवासी बच्ची को न्याय कैसे मिल पायेगा। जिस सुनील तिवारी के घर पर एक बच्ची के साथ गलत काम हुआ, उसके बचाव से ज्यादा बाबूलाल को सही तथ्यों को लेकर पुलिस के सामने आना चाहिए।
जेएमएम नेता ने कहा कि आदिवासी बेटियों के साथ जिस तरह से राजनीतिक दल समर्थिक कुछ प्रभावशाली लोग शारीरिक-मानसिक शोषण कर रहे हैं, वो कम पीड़ादायक नही है। एक आदिवासी लड़की के साथ हुए अत्याचार को भाजपा अपनी पीड़ा बताती है। भाजपा नेताओं से जेएमएम पूछती है कि राज्य में आदिवासी लड़की या देश में किसी भी बेटी के साथ अगर कोई शारीरिक शोषण, आर्थिक–मानसिक शोषण होता है, तो भाजपा का उसपर क्या रुख है।
इस दौरान सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा नेताओं से सुनील तिवारी की सदस्यता को लेकर भी सवाल पूछा।