ममता बनर्जी ने निकाला ये तरकीब, करेंगी मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे का दौरा

कोलकाता। राम मंदिर का ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह 22 जनवरी को आयोजित किया जाएगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी उस दिन भव्य मंदिर में राम लला की मूर्ति की स्थापना में शामिल होने के लिए तैयार हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी 22 जनवरी को पूरे कोलकाता में एक अंतरधार्मिक रैली का नेतृत्व करेंगी। उसी दिन अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रैली रास्ते में मस्जिदों, मंदिरों, चर्चों और गुरुद्वारों को कवर करेगी। ममता ने इस पर बोलते हुए कहा कि मैं 22 जनवरी को एक रैली करूंगी। इसकी शुरुआत काली मंदिर से होगी, जहां मैं केवल मां काली की पूजा करने जाऊंगी। इसके बाद, हम हाजरा से पार्क सर्कस मैदान तक एक अंतरधार्मिक रैली करेंगे और वहां एक बैठक करेंगे। हम रास्ते में मस्जिदों, मंदिरों, चर्चों और गुरुद्वारों को कवर करेंगे। रैली में शामिल होने के लिए सभी का स्वागत है। रैली में सभी धर्मों के लोग मौजूद रहेंगे।

मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर सात दिनों तक आयोजित किया जाएगा। समारोह के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से हजारों वीआईपी मेहमानों को निमंत्रण मिला है। ट्रस्ट ने सभी उपस्थित लोगों के स्वागत और सम्मान के लिए विस्तृत व्यवस्था की है, उन्हें उपहार दिए जा रहे हैं जिनमें ‘राम राज’ भी शामिल है। उत्सव के हिस्से के रूप में, तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मेहमानों को प्रसाद के रूप में देसी घी से बने विशेष ‘मोतीचूर के लड्डू’ भी वितरित करेगा।

टीएमसी सुप्रीमो ने यह भी घोषणा की, उसी दिन, टीएमसी पार्टी के सदस्य दोपहर 3 बजे हर जिले में, हर ब्लॉक में एक रैली करेंगे। उन्होंने कहा कि कई लोग मुझसे विभिन्न मंदिरों के बारे में पूछ रहे हैं लेकिन मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है। मैंने हमेशा कहा है धर्म व्यक्तिगत है, त्योहार सार्वभौमिक है। इससे पहले ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधा था। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर के उद्घाटन के जरिए भाजपा नौटंकी कर रही है। ममता बनर्जी ने कहा, मैं धार्मिक आधार पर जनता को बांटने में विश्वास नहीं करती। ममता ने साफ तौर पर कहा कि जब तक जिंदा हूं, समाज में बंटवारा नहीं होने दूंगी।