नई दिल्ली। दो साल बाद धूमधाम से गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। इसी कड़ी में जोर-शोर से तैयारी शुरू हो चुकी हैं। 31 अगस्त को आ रही गणेश चतुर्थी कई मायनों में बहुत खास है। अकेले चतुर्थी ही शुभ नहीं है, बल्कि 31 अगस्त से 9 सितंबर के बीच 7 दिन अच्छे योग भी बन रहे हैं। डॉ. गणेश मिश्र कहते हैं, इस बार गणेश उत्सव के दौरान नवमी तिथि घट रही है। फिर भी गणपति महोत्सव पूरे 10 दिनों का ही रहेगा। इन दिनों सूर्य, बुध, गुरु और शनि अपनी ही राशियों में रहेंगे। पिछले 300 सालों में ऐसा नहीं हुआ।
मुंबई में गणेश पंडालों में पधारने के लिए बप्पा का आगमन हो चुका है। इस दौरान भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिला। मुंबई की सड़कों पर बप्पा की एक से बढ़कर एक खूबसूरत मूर्तियां देखने को मिल रही हैं।
भोपाल में गणेश चतुर्थी से पहले साबूदाने और काली मिर्च से गणेश प्रतिमा बनाई गई है। मूर्तिकार रवि यादव ने कहा, “इसे बनाने में सबूदाना, काली मिर्च मोर के पंख की डंडी, लकड़ी के चम्मच का प्रयोग किया गया है। इसमें किसी भी तरह के रंग का इंस्तेमाल नहीं किया गया है।”
हैदराबाद में प्लास्टर ऑफ पेरिस पर बैन के चलते गणेश चतुर्थी से पहले मूर्ति निर्माता और विक्रेता परेशान हैं। मूर्ति विक्रेता गंगाधर ने बताया, “PoP बैन से इस साल लोग बहुत परेशान रहे। सिर्फ 2 महीने पहले अनुमति मिली, इसमें 1 साल का काम कैसे होगा। माल नहीं मिलने से कीमतें भी ज्यादा हैं।”
हरिद्वार में प्रशासन ने गणेश चतुर्थी पर गंगा में मूर्तियों का विसर्जन न करने के निर्देश दिए हैं। ज़िलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने बताया, “किसी भी स्थिति में गंगा में मूर्तियों का विसर्जन नहीं किया जाएगा। विसर्जन की मुख्य जगहों पर विसर्जन के लिए गड्ढे खोदे जाएंगे और पानी भरा जाएगा।”