मैक्‍केन इंडिया ने जारी किया इंडिया सस्‍टेनेबिलिटी रिपोर्ट 2021 का दूसरा संस्‍करण

नई दिल्ली। मैक्‍केन फूड (इंडिया) ने इंडिया सस्‍टेनेबिलिटी रिपोर्ट 2021 का दूसरा संस्‍करण – ‘टुगेदर-टुवर्ड्स प्‍लैनेट-फ्रेंडली फूड’ जारी किया है। इस रिपोर्ट में धरती को लेकर अनुकूल स्‍वादिष्‍ट फूड के जरिए वास्‍तविक संबंधों का जश्‍न मनाने के लिए मैक्‍केन की प्रतिबद्धता को दर्शाया गया है। इसमें बताया गया है कि मैक्‍केन आज, कल और आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए सस्‍टेनेबिलिटी (संवहनीयता) को प्रोत्‍साहित करने के लिए अपने परितंत्र एवं सहयोगियों का लाभ उठा रही है।

सस्‍टेनेबिलिटी रिपोर्ट 2021 के भारतीय संस्‍करण के लॉन्‍च पर अपनी बात रखते हुए श्री देबदत्‍ता बक्‍शी, मैक्‍केन फूड्स के रीजनल डायरेक्‍टर, मानव संसाधन, संचार एवं संवहनीयता – भारत, कोरिया, दक्षिण पूर्व एशिया एवं ताईवान ने कहा कि, “एक जिम्‍मेदार खाद्य निर्माता होने के नाते, हमारा मुख्‍य ध्‍यान धरती का संरक्षण करने, नवीकरणीय स्रोतों के इस्‍तेमाल सहित संवहनीय प्रणालियों के इस्‍तेमाल को प्रोत्‍साहन देने, पोषक फायदों के साथ खाने की गुणवत्‍ता बरकरार रखने और पर्यावरण की रक्षा करने पर केंद्रित है। साथ ही हम एक स्‍थायी आजीविका को बढ़ावा देने के लिए समुदायों का विकास करने में मदद कर रहे हैं। हमने सबसे बेहतरीन संवहनीय विधियों का उपयोग कर स्‍वादिष्‍ट फूड का उत्‍पादन करने का लक्ष्‍य तय किया है क्‍योंकि हम ‘अच्‍छी आचार नीति ही अच्‍छा व्‍यावसाय है’ के अपने सिद्धांत के साथ आगे बढ़ते हैं। हम कर्मचारियों के लिए कार्य का एक सुरक्षित, नैतिक एवं समावेशी माहौल बनाने के लिए मजबूत नींव पर काम करने में विश्‍वास करते हैं। हम सभी के लिए चिरस्थाई भविष्‍य हासिल करना चाहते हैं, और यह संयुक्‍त राष्‍ट्र के सतत विकास लक्ष्‍यों (एसडीजी) के अनुरूप है। इंडिया सस्‍टेनेबिलिटी रिपोर्ट 2021 में उन तरीकों पर जोर दिया गया है जिसमें हम स्‍थायी वृद्धि करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और कैसे हमने कुशल परिचालन को अपनाकर सकारात्‍मक बदलाव लाने पर ध्‍यान केंद्रित किया है। इस तरह हम अपने ग्राहकों के बीच पारदर्शिता सुनिश्चित कर रहे हैं।”

मैक्‍केन ने कृषि संसाधनों में दक्षतापूर्वक सुधार लाने पर ध्‍यान केंद्रित किया है। हम नवाचार एवं प्रौद्योगिकी का सर्वश्रेष्‍ठ उपयोग करते हैं और जलवायु परिवर्तन को दूर कर रहे हैं। इसमें कार्बन डाइऑक्साइड का उत्‍सर्जन कम करने के लिए आलू को स्‍थानीय किसानों से मँगाना और कीटनाशकों का इस्‍तेमाल कम से कम करना शामिल है। उत्‍पादक सुरक्षा, संवहनीयता, मृदा के स्‍वास्‍थ्‍य और जैव विविधता को सुनिश्चित करने के लिए गुड एग्रीकल्‍चरल प्रैक्टिसेस (जीएपी) के अनुरूप काम करते हैं।