Nag Panchami 2022 : आज है नागपंचमी, मंदिरों में हो रही है विशेष पूजा अर्चना

नाग पंचमी को भगवान शिव व नागदेव की पूजा से विशेष रूप से सिद्धि प्राप्ति होती है। इस दिन नाग देवता की पूजा का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है।

नई दिल्ली। 2 अगस्त को पूरे देश में नागपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। नाग पंचमी प्रत्येक साल सावन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन नाग देवता की पूजा का विधान है। इसलिए इस दिन शिवलिंग पर मौजूद नाग देवता को प्रतीक मानकर जल अर्पित करना चाहिए। नाग पंचमी के अवसर पर उज्जैन के महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की।

इस साल नाग पंचमी पर विशेष संयोग बन रहा है। पंचांग के अनुसार इस बार नाग पंचमी के दिन मंगला गौरी का व्रत भी रखा जाएगा क्योंकि सावन में हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है। इस लिए इस बार नाग पंचमी के दिन सभी को नाग देवता के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद भी मिलेगा।

नाग पंचमी को लेकर उज्जैन में नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट मध्यरात्रि में खोले गए। इस दौरान भक्तों ने दर्शन किए। साल में एक बार नाग पंचमी के दिन इस मंदिर के कपाट खोले जाते हैं।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, अग्नि पुराण में लगभग 80 प्रकार के नागों का वर्णन मिलता है। इसमें अनंत, वासुकि, पदम, महापध, तक्षक, कुलिक और शंखपाल प्रमुख माने गए हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु के जन्म नक्षत्र भरणी के देवता काल हैं और केतु के जन्म नक्षत्र के के देवता सर्प हैं। अत: राहु-केतु के जन्म नक्षत्र देवताओं के नामों को जोड़कर कालसर्प योग कहा जाता है। राशि चक्त्र में 12 राशियां हैं, जन्म पत्रिका में 12 भाव हैं एवं 12 लग्न हैं। इस तरह कुल 288 काल सर्प योग घटित होते हैं।