हरिद्वार। आस्था के सबसे बडे आयोजन महाकुंभ की बुधवार को एक तरह से औपचारिक शुरुआत होगी। सनातन संस्कृति में अखाडों की पेशवाई बेहद खास होती है। पेशवाई की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। … अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने बताया कि पेशवाई में शामिल संतों पर एक हेलीकॉप्टर और दो ग्लाइडर से पांच कुंतल फूलों की बारिश की जाएगी।
स्वयं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस सुअवसर पर उपस्थित रहेंगे। हरिद्वार कुंभ के लिए सबसे पहले निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकल रही है, जिसे भव्य रूप देने की तैयारियां चल रही हैं। निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत राम रतन गिरी ने बताया कि पेशवाई को लेकर अखाड़े की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस बार की पेशवाई 2010 के कुंभ से भी भव्य होगी और इसमें कई चीजें आकर्षण का केंद्र रहेंगी। ये पेशवाई 3 किलोमीटर लंबी रहेगी, जिसमें तमाम साधु-संत मौजूद रहेंगे।
बता दें कि पेशवाई की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। एक हेलीकॉप्टर और दो ग्लाइडर से संत और महंतों पर फूलों की बारिश होगी। ऊंट, हाथी, चांदी के सिंहासन और रथ पेशवाई के मुख्य आकर्षण रहेंगे। पेशवाई का नेतृत्व आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि करेंगे। अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने बताया कि पेशवाई में शामिल संतों पर एक हेलीकॉप्टर और दो ग्लाइडर से पांच कुंतल फूलों की बारिश की जाएगी। एसएमजेएन पीजी कॉलेज में श्री निरंजनी अखाड़े की अस्थायी छावनी में संतों और रमता पंचों ने डेरा डाला है। बुधवार सुबह दस बजे धूमधाम से अखाड़े की पेशवाई निकलेगी। इसके लिए चांदी के सिंहासन, रथ, सजावट की सामग्री मंगलवार को हरिद्वार पहुंच गई।
कोरोना काल में कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शासन-प्रशासन की ओर से कुछ दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। सभी को उसको मानना होगा। यदि आप उत्तराखंड के बाहर से हरिद्वार पहुंचने वाले हैं, तो कोरोना निगेटिव रिपेर्ट आपके साथ होना बेहद जरूरी है। साथ ही कोशिश यही करें कि बहुत अधिक भीड भाड में अधिक समय तक नहीं बिताएं। अब कुंभ के दौरान कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट लाने की बाध्यता से साधु-संतों में और नाराजगी बढ़ गई है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज का साफ कहना है कि किसान आंदोलन हो या फिर चुनाव, वहां कोरोना नहीं हो रहा है लेकिन, हरिद्वार कुंभ का जिक्र आते ही कोरोना शुरू हो जाता है। सरकार को साधु-संतों को भरोसे में लेकर निर्णय लेना चाहिए था।