नई दिल्ली। कुछ समय पहले केंद्र सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति 2020 का प्रारूप जारी किया गया था। उस समय इसको लेकर कई तरह की बातें हुईं, लेकिन कोरोना काल में इसपर अमल नहीं हो सका है। मगर अब विभगीय अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री इसके लिए जल्दी कह रहे हैं। उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इसे अमल में ले आएगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तेजी से लागू करने के लिये उच्च शिक्षा सचिव के नेतृत्व में एक समीक्षा समिति और एक अनुपालन समिति गठित करने का सुझाव दिया है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यह सुझाव नई शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन एवं लागू किये जाने से जुड़े विभिन्न आयामों की मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा के दौरान दिया।
मंत्रालय के अनुसार, उच्च शिक्षा में अनुपालन के संबंध में 181 कार्यो की पहचान की गई और नयी शिक्षा नीति के अनुरूप इन 181 कार्यो की समयबद्ध प्रगति की निगरानी के लिए एक डैशबोर्ड बनाने की जरूरत पर जोर दिया गया। समीक्षा के दौरान इन कार्यो को लागू करने के लिये साप्ताहिक एवं मासिक कैलेंडर बनाने की बात कही गई।
बताया जा रहा है कि समीक्षा के दौरान मंत्री ने उच्च शिक्षा और स्कूली शिक्षा विभागों के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किये जाने को लेकर समन्वय स्थापित करने के लिये एक कार्यबल गठित करने की भी सिफारिश की। मंत्रालय के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने ने पैकेज संस्कृति से पेटेंट की संस्कृति की ओर बढ़ने की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा है कि नीति की सफलता के लिये राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी फोरम और राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन महत्वपूर्ण हैं और इसलिये इनकी स्थापना वर्ष 2021-22 में होनी चाहिए।
बता दें कि सरकार ने पिछले साल जुलाई में नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर मुहर लगायी थी। नई शिक्षा नीति में पांचवीं तक और अगर संभव हो सके तो आठवीं कक्षा तक मातृभाषा में ही शिक्षा उपलब्ध कराने की बात कही गई।