नई दिल्ली। राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी के. गोपालकृष्णन को अनुशासन उल्लंघन के आरोप में सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई गोपालकृष्णन द्वारा एक धर्म आधारित व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के कारण की गई है, जो सरकारी अधिकारियों के बीच विवाद का कारण बना।
केरल सरकार ने सोमवार को दो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों, के. गोपालकृष्णन और एन. प्रसांत, को अनुशासन के उल्लंघन के आरोप में निलंबित कर दिया। गोपालकृष्णन को सरकारी अधिकारियों का एक धर्म-आधारित व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के कारण निलंबित किया गया, जबकि प्रसांत को सोशल मीडिया पर वरिष्ठ IAS अधिकारी ए. जयथिलक की आलोचना करने के कारण कार्रवाई का सामना करना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इन अधिकारियों के निलंबन का आदेश तब दिया जब उन्हें मुख्य सचिव से इस मामले पर रिपोर्ट प्राप्त हुई। सूत्रों के अनुसार, गोपालकृष्णन ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, जिसमें विभिन्न सरकारी अधिकारियों को जोड़ा गया था। यह ग्रुप एक विशेष धर्म के आधार पर था, जो सरकारी अधिकारियों के कामकाजी दायित्वों और नीतियों से असंबद्ध था। यह कदम सरकारी सेवा में धार्मिक तटस्थता और समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन करने वाला माना गया, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
राज्य सरकार के अधिकारियों ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों को अपने पेशेवर कामकाजी दायित्वों में किसी भी प्रकार के धार्मिक पक्षपात से बचना चाहिए। गोपालकृष्णन के इस कृत्य को सरकार ने अनुशासनहीनता के रूप में देखा और इसके परिणामस्वरूप उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
इस कदम को लेकर राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया कि सरकारी अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार के धर्म आधारित कार्यों से जुड़े मुद्दे को हल्के में नहीं लिया जाएगा। गोपालकृष्णन के खिलाफ यह कार्रवाई न केवल एक अनुशासनात्मक मामला है, बल्कि यह सरकारी सेवा में तटस्थता और निष्पक्षता के सिद्धांतों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है।