Delhi NCR : राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब, प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार का युद्ध शुरू

दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया गया है। दिल्ली सरकार एक महीने तक यह अभियान चला रही है। इससे प्रदूषण कम होगा , साथ ही लोगों की जेब पर भी कम बोझ पड़ने के आसार हैं। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसकी शुरूआत की। इसको लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है।

नई दिल्ली। दो दिन से राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर में बारिश हो रही है, लेकिन हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह चिंताजनक है। इसके साथ ही पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत सोमवार को दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ युद्ध को दोबारा शुरू किया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय पहले ही इसके बारे में जानकारी दे चुके थे। सोमवार की सुबह से ही दिल्ली के तमाम रेड लाइट पर युवाओं की फौज दिखीं, जो हाथों में तख्ती लिखे लोगों को प्रदूषण के खिलाफ जागरूक कर रहे थे। ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ के रूप में एक महीना तक चलेगा।इस दौरान लोगों से जब रेड लाइट पर गाड़ी रुके और रेड लाइट ऑन हो तो उस समय गाड़ी ऑफ करने की अपील की गयी है। इससे न सिर्फ वायु प्रदूषण का स्तर कम होगा बल्कि पेट्रोल व डीजल की भी बचत होगी।
फिलहाल दिल्‍ली सरकार ने ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ अभियान की शुरुआत कर दी है, जिसे लोगों ने बेहद सराहनीय बताया है। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो कि दिल्ली सरकार की इस योजना से नाराज हैं। उनका कहना है कि जब सर्दी आती हैं तो तीन महीने के लिए दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ युद्ध की बात करती है। वहीं, पूरा साल प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए दिल्ली सरकार काम क्यों नहीं करती है ? इसके साथ लोगों ने कहा कि रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान से दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण में कमी नहीं आएगी। सरकार को इसका परमानेंट समाधान निकालना होगा, क्‍योंकि मात्र दिखावे के लिए किसी अभियान से बढ़ता प्रदूषण कम नहीं होगा।
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि दिल्ली में वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए ‘Red Light On, Gaadi Off’ अभियान शुरू। आगामी 18 नवंबर तक चलेगा यह अभियान। रेड लाइट पर अपनी गाड़ी बंद करें और पर्यावरण को बेहतर बनाने में अपना अमूल्य योगदान दें।

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में सोमवार को आंधी के साथ भारी बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट आई। हालांकि हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने बताया कि बारिश के बावजूद, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मुख्य प्रदूषक के रूप में पीएम 2.5 के साथ बहुत खराब श्रेणी में है। सफर ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के सभी प्रमुख शहर रेड जोन में पहुंच गए हैं। प्रदूषण मापक ऐप ‘समीर’ के अनुसार रविवार को गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 260 दर्ज किया गया, जबकि नोएडा का स्तर 326 रहा। इसी तरह बल्लभगढ का एक्यूआई 271, फरीदाबाद का 333, दिल्ली का 331, गुरुग्राम का 344 और पानीपत का 405 दर्ज किया गया।