अब राजनाथ सिंह निकालेंगे किसानों की समस्या का हल, सरकार ने बनाई ये योजना

नई दिल्ली। अब तक सरकार और किसानों के बीच दो दौर की बातचीत हो चुकी है और आज तीसरे दौर की बातचीत होगी। इस बैठक में कोई हल निकल सके इसके लिए मंत्रियों के दल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक कर उनसे परामर्श लिया है। दरअसल कृषि पृष्ठभूमि वाले राजनाथ सिंह वाजपेयी सरकार में देश के कृषि मंत्री भी रह चुके हैं इसलिए उन्हें सभी मुद्दों की गहरी समझ है।

आंदोलनकारी किसानों के साथ बातचीत अब तक बेनतीजा रही है इसलिए समाधान तलाशने के लिए राजनाथ सिंह से परामर्श किया गया है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि रक्षा मंत्री क्या मंत्रियों के उस दल का हिस्सा होंगे जो किसानों से बातचीत करने के लिए चंडीगढ़ जायेगा। बताया जा रहा है कि केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को राजनाथ सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की और किसानों के विरोध प्रदर्शन और मुद्दों के समाधान के तरीकों पर चर्चा की। बताया जा रहा है कि अर्जुन मुंडा के अलावा, खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को बुधवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आंदोलनकारी किसान नेताओं के साथ बातचीत करनी थी, लेकिन यह बैठक नहीं हुई क्योंकि संभवतः प्रधानमंत्री के निर्देश पर कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से परामर्श करने के लिए चले गये थे। अब किसान समूहों और मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल आज शाम को चंडीगढ़ में एक बैठक करेगा।

दूसरी ओर आज की वार्ता में भाग लेने वाले किसान प्रतिनिधियों का भी कहना है कि वह इस वार्ता से कोई समाधान निकलने के प्रति आशान्वित हैं। किसान नेताओं ने कहा है कि वे बैठक होने तक दिल्ली की ओर बढ़ने का फिर से प्रयास नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई केंद्र के प्रस्तावों के आधार पर तय की जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा है कि बैठक आज शाम पांच बजे होगी। एक अन्य किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक होने तक किसान आगे नहीं बढ़ेंगे, ‘‘हां” में जवाब दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पंजाब-हरियाणा सीमा पर तैनात अर्धसैनिक बलों को उन पर आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश देने की अपील की। उन्होंने यह भी दावा किया कि कई किसान नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट निलंबित कर दिए गए हैं।

दूसरी ओर, किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर पुलिस ने सिंघू और टीकरी सीमाओं पर कई स्तर के अवरोधक लगाकर वाहनों की आवाजाही रोक दी है, जिससे दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात प्रभावित हो रहा है। हम आपको बता दें कि दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघू और टिकरी सीमाएं यातायात के लिए पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं जबकि गाजीपुर बॉर्डर पर नियंत्रित तरीके से वाहनों की आवाजाही की अनुमति है।