अब RSS के हाथ होगी UP की कमान, सुलझाया जाएगा आपसी कलह

 

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद से पार्टी की स्थिति राज्य में लगातार बिगड़ती हुई दिखाई दे रही है। जिस राज्य में पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में है, वहां उठापटक की स्थिति सबको चिंतित कर रही है। सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिर उत्तर प्रदेश में क्या कुछ चल रहा है? उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक के बीच तनातनी साफ तौर पर देखने को मिल रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की गुत्थी सुलझाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय हो गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचेंगे। इसके अलावा उनके दोनों डिप्टी सीएम यानी कि केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक भी शुक्रवार शाम दिल्ली रवाना हो जाएंगे। इनके अलावा उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह भी राष्ट्रीय राजधानी में रहेंगे। ऐसे में कहीं ना कहीं राज्य में पार्टी की स्थिति और आने वाले उपचुनाव को लेकर चर्चा संभव है।

इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश में जो तनातनी की स्थिति है उसे शांत करने के लिए संघ भी अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। तभी तो खबर यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, भूपेंद्र चौधरी और धर्मपाल सिंह आज शाम राष्ट्रीय स्वयं संघ की बैठक में हिस्सा लेंगे। यह बैठक संघ के वरिष्ठ प्रचारक संकरी लाल ने बुलाई है। ऐसे में कहीं ना कहीं माना जा रहा है कि संघ भी अब उत्तर प्रदेश में समाधान निकालने की कोशिश में जुट गया है। वहीं, पूर्वी यूपी क्षेत्र के एक वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी ने कुछ दिन पहले मौर्य से मुलाकात की और हाल ही में राज्य भाजपा कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की।

सूत्रों ने कहा कि आरएसएस पदाधिकारी ने मौर्य को आश्वासन दिया कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को उच्चतम स्तर पर उठाया जाएगा और उनसे अपनी शिकायतों को सार्वजनिक मंचों पर प्रसारित न करने का आग्रह किया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक नेता ने संकट के समाधान के लिए राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेताओं से भी मुलाकात की। बैठक में बोलते हुए मौर्य ने आदित्यनाथ पर परोक्ष हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि सरकार में आम पार्टी कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है और लोकसभा चुनाव में राज्य में भगवा पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के पीछे पार्टी संगठन की उपेक्षा प्रमुख कारणों में से एक थी।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष और यूपी के मंत्री ओम प्रकाश राजभर और निषाद पार्टी (एनपी) के अध्यक्ष और मंत्री संजय निषाद के साथ मौर्य की मुलाकात ने भी यहां के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। दोनों भाजपा के गठबंधन सहयोगी थे और यहां मुलाकातों को मौर्य के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा था। भाजपा सूत्रों ने यहां कहा कि आदित्यनाथ ने विभिन्न जिलों के प्रभारी मंत्रियों से स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करने और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए कहा था।