कोलंबो। श्रीलंका के गुरुवार को हुए संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) को अब तक जीती गई सीटों की संख्या के आधार पर संसद में दो-तिहाई बहुमत मिलने का अनुमान है। यह पहली बार है कि किसी एक पार्टी ने आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत यह उपलब्धि हासिल की।
यहां के समाचार पत्र डेली मिरर ने अब से कुछ देर पहले अपनी वेबसाइट पर अपडेट किए गए मतगणना के आंकड़ों से यह अनुमान जताया है। इसमें कहा गया है कि एनपीपी ने कैंडी जिले में नौ सीटें हासिल की हैं। समागी जन बालवेगया (एसजेबी) को दो और न्यू डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) को एक सीट हासिल हुई है। इसके अलावा एनपीपी ने जाफना जिले में तीन सीटें हासिल कीं, जबकि इलंकाई तमिल अरासु कच्ची (आईटीएके), ऑल सीलोन तमिल कांग्रेस (एसीटीसी) और इंडिपेंडेंट ग्रुप 17 ने एक-एक सीट हासिल की है। एनपीपी ने रत्नापुरा जिले में भी 8 सीटें हासिल की हैं, जबकि समागी जन बालवेगया (एसजेबी) को तीन सीटें मिली हैं। एनपीपी ने कुरुनेगला जिले में 651,476 वोटों के साथ 12 सीटें और टीथे समागी जन बालवेगया (एसजेबी) ने 189,394 के साथ तीन सीटें हासिल की हैं।
आज सुबह स्थानीय समयानुसार छह बजे तक की मतगणना में एनपीपी को राष्ट्रीय स्तर पर करीब 62 प्रतिशत वोट हासिल हुए। वह जिलों से आनुपातिक प्रतिनिधित्व के तहत प्रस्तावित 196 सीटों में से 35 सीटें हासिल कर चुकी थी।