प्रधानमंत्री ने की हैंडलूम की बात

रविवार को हुआ कार्यक्रम 'मन की बात' की 112वीं कड़ी थी।

नई दिल्ली। ‘मन की बात’ से प्रधानमंत्री युवाओं से जुड़े। उन्होंने गण्ति, विरासत की बात की।  रोहतक की इन महिलाओं की तरह देश के अलग-अलग हिस्सों में कारीगर, Handloom को लोकप्रिय बनाने में जुटी हैं। चाहे ओडिशा की ‘संबलपुरी साड़ी’ हो, चाहे MP की ‘माहेश्वरी साड़ी’ हो, महाराष्ट्र की ‘पैठाणी’ या विदर्भ के ‘Hand block prints’ हों, चाहे हिमाचल के ‘भूट्टिको’ के शॉल और ऊनी कपड़े हों, या फिर, जम्मू-कश्मीर के ‘कनि’ शॉल हों। देश के कोने-कोने में handloom कारीगरों का काम छाया हुआ है।

कुछ ही दिन बाद 7 अगस्त को हम ‘National Handloom Day’ मनाएंगे। आजकल, जिस तरह handloom उत्पादों ने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है, वो वाकई बहुत सफल है, जबरदस्त है। अब तो कई निजी कंपनियां भी AI के माध्यम से handloom उत्पाद और Sustainable Fashion को बढ़ावा दे रही हैं। Kosha AI, Handloom India, D-Junk, Novatax, Brahmaputra Fables, ऐसे कितने ही Start-Up भी handloom उत्पादों को लोकप्रिय बनाने में जुटे हैं। मुझे ये देखकर भी अच्छा लगा कि बहुत से लोग अपने यहाँ के ऐसे local products को popular बनाने में जुटे हैं। आप भी अपने local products को ‘हैशटैग माई प्रॉडक्ट माई प्राइड’ के नाम से Social Media पर upload करें। आपका ये छोटा सा प्रयास, अनेकों लोगों की जिंदगी बदल देगा। handloom के साथ-साथ उन्होंने खादी की बात भी की। खादी ग्रामोद्योग का कारोबार पहली बार डेढ़ लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। इस industry से सबसे ज्यादा महिलाएं जुड़ी हैं, तो सबसे ज्यादा फायदा भी, उन्हीं को हो रहा है।