किसान आंदोलन के नाम पर राकेश टिकैत पर पैसा वसूलने का आरोप

गाजीपुर पर जिस प्रकार से किसान नेता आते जाते रहते हैं, उससे तो यही लगता है कि ये लोग मस्ती के मूड में हैं। ये लोग आंदोलन को बेचते हैं और अपना पेट भरते हैं। इन लोगों का शुरू से यही काम रहा है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के बीच एक बार फिर से दरार की खबर आई है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत पर दूसरे किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि ये लोग आंदोलन को बेचते हैं और अपना पेट भरते हैं। इन लोगों का शुरू से यही काम रहा है।

नोएडा में भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने सीधेतौर पर कहा कि राकेश टिकैत हाल ही में पश्चिम बंगाल गए थे। वहां वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पैसे लेने गए थे। भानु प्रताप सिंह की ओर से यह भी आरोप लगाया गया कि इस आंदोलन को शुरुआत से ही कांग्रेस की फंडिंग हो रही है। जब इस बात की जानकारी कुछ किसान नेताओं को हुई, तो उन लोगों ने अपने को इस आंदोलन से अलग कर लिया।

इस बयान आने के बाद किसान आंदोलन की धार कमजोर हो सकती है। खासकर जो लोग आंदोलन में शमिल नहीं है और किसानों के प्रति हमदर्दी रखते हैं, वो लोग दोबारा इस पर विचार करेंगे। लोगों का कहना है कि गाजीपुर पर जिस प्रकार से किसान नेता आते जाते रहते हैं, उससे तो यही लगता है कि ये लोग मस्ती के मूड में हैं। यदि इन लोगों को सही में आंदोलन के माध्यम से अपनी बातों को सरकार के सामने रखना है, तो सरकार पर दबाव बनाते। लेकिन, राकेश टिकैत तो देश भर में घूमघूमकर अपना चेहरा चमका रहे हैं।


हालंकि, भानु प्रताप सिंह के बयान के बाद सभी को राकेश टिकैत की प्रतिक्रया का इंतजार है। कई लोग आपसी बातचीत में राकेश टिकैत को भाजपा के कुछ नेताओं के संपर्क में रहने की बात करते हैं। वैसे, जिस प्रकार से दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों को व्यापक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई, उसके राजनीतिक मायने भी निकाले गए थे।