राजद सांसद अमरेंद्र सिंह हुए गिरफ्तार, ईडी ने उर्वरक घोटाले में किया एक्शन

सीबीआई के मुताबिक , सक्सेना और उसके सहयोगियों ने अपने समूह की कंपनियों के खाते और जैन, गहलोत के बेटे विवेक, अवस्थी के बेटे अमोल एवं ए डी सिंह के निजी खातों में 60 रुपए प्रति डॉलर की लेन-देन दर पर करीब 685 करोड़ रुपए (11.43 करोड़ डॉलर) का अवैध कमीशन हासिल किया।

नई दिल्ली। बिहार की राजनीति में एक नया मामला सुर्खियों में उस समय आया, जब राजद (RJD) के राज्यसभा सांसद अमरेंद्र धारी सिंह (Amrendra Dhari Singh) को गिरफ्तार किया गया। उन्हें नई दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। अब उन पर 685 करोड़ रुपए की रिश्वत के मामले को लेकर पूछताछ की जाएगी। यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की ओर से की गई है। ईडी के अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि सांसद को हिरासत में कब लिया गया।

असल में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक उर्वरक घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले और 685 करोड़ रुपए की रिश्वत के मामले की जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता एवं राज्यसभा सदस्य अमरेंद्र धारी सिंह (Amrendra Dhari Singh) को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) 2007-14 के बीच इफको के प्रबंध निदेशक यू एस अवस्थी और इंडियन पोटाश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक परविंदर सिंह गहलोत के प्रवासी भारतीय बेटों तथा अन्य द्वारा विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से कथित तौर पर 685 करोड़ रुपए का अवैध कमीशन हासिल करने के मामले की जांच कर रहा है। इन लोगों पर अगस्तावेस्टलैंड मामले में आरोपी राजीव सक्सेना की मदद से हुए लेन-देन के जरिए यह कमीशन लेने का आरोप है। जांच एजेंयिों का मानना है कि अवस्थी और गहलोत को दिए गए कमीशन को छिपाने के लिए कंसल्टेंसी समझौतों की आड़ में घुमावदार रास्तों से ये अवैध लेन-देन किए गए।

ईडी के अधिकारियों की ओर से इतना कहा गया कि 61 वर्षीय सांसद और कारोबारी सिंह को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत यहां डिफेंस कॉलोनी स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। ऐसा कहते हैं कि सिंह इस मामले में संलिप्त फर्म ‘ज्योति ट्रेडिंग कॉरपोरेशन’ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं। धनशोधन के संबंध में उनकी भूमिका ईडी की जांच के दायरे में है और अदालत से उनकी हिरासत हासिल करने के बाद एजेंसी उनसे आगे पूछताछ करेगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने इस मामले में पिछले महीने कम से कम एक दर्जन स्थलों पर छापे मारे थे। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि लेन-देन में एक जटिल नेटवर्क के जरिए उर्वरकों और कच्ची सामग्रियों के आपूर्तिकर्ताओं से कमीशन लिया गए। बता दें कि इफको कई राज्यों में काम करने वाली सहकारी कंपनी है, जबकि आईपीएल उसकी एक अनुषंगी है जो उन उर्वरकों की आपूर्ति करती है जिनकी कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार सब्सिडी देती है। सीबीआई का आरोप है कि 2007-14 के बीच ऊंची सब्सिडी हासिल करने के लिए अवस्थी और गहलोत ने एक आपराधिक साजिश के तहत विभिन्न विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से बढ़ी हुई कीमतों पर उर्वरकों का आयात किया जिनमें दोनों के कमीशन शामिल थे। सीबीआई के मुताबिक कमीशन के पैसे अमेरिका में रहने वाले अवस्थी और गहलोत के बेटों और अन्य आरोपियों के जरिए भारत से बाहर भेजे गए।

जो प्राथमिकी दर्ज की गई है उसमें सीबीआई (CBI) ने आरोप लगाया है कि अमोल अवस्थी एवं अनुपम अवस्थी और विवेक गहलोत को उनके स्वामित्व वाली कंपनियों के खातों में या नकदी के रुप में जैन के रेयर अर्थ ग्रुप के जरिए करीब 8.02 करोड़ डॉलर (करीब 481 करोड़ रुपए) और बाकी 3.41 करोड़ डॉलर (करीब 204 करीब रुपए) मिले। प्राथमिकी में कहा गया कि जानकारी मिली है कि रिश्वत के पैसे यू एस अवस्थी के बेटों अमोल अवस्थी एवं अनुपम अवस्थी और परविंदर सिंह गहलोत के बेटे विवेक गहलोत को मिले। तीनों अमेरिका में रहने वाले प्रवासी भारतीय हैं।