नई दिल्ली। सेंट-गोबेन जिप्रोक इंडिया को उत्तर प्रदेश के गोंडा में अपने नवीनतम आवासीय प्रशिक्षण केंद्र के उद्घाटन की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है, जो भारत के निर्माण क्षेत्र में कौशल विकास के लिए उसकी लॉन्ग टर्म प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह केंद्र देश में जिप्रोक का 9वां प्रशिक्षण केंद्र है। इस पहल का उद्देश्य ड्राईवॉल और फाल्स-सीलिंग ट्रेडों में मुफ़्त, उद्योग-संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि विविध सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को अपने कौशल को बढ़ाने और अपने रोजगार की संभावनाओं को बेहतर बनाने का अवसर मिले।
एक दशक से भी अधिक समय से, जिप्रोक ने भारत के निर्माण क्षेत्र को बदल कर रख दिया है, जिसमें लोगों को उद्योग-संबंधित कौशल से लैस किया गया है, जो कुशल श्रमिकों की महत्वपूर्ण कमी को पूरा करता है। जिप्रोक की प्रतिबद्धता तकनीकी ज्ञान प्रदान करने से कहीं आगे जाती है, इसमें भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के निर्माण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण शामिल है जो आधुनिक निर्माण की उभरती जरूरतों के अनुसार काम कर सकती है। गोंडा प्रशिक्षण केंद्र इस मिशन को और भी मजबूत करता है, ड्राईवॉल और फॉल्स सीलिंग इंस्टॉलेशन में विशेष कार्यक्रम प्रदान करता है जो श्रमिकों को अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक में कुशलता हासिल करने के लिए सशक्त बनाता है।
निर्माण उद्योग के तेजी से विस्तार के साथ, कुशल श्रमिकों की मांग अभी सबसे अधिक है। जिप्रोक के प्रशिक्षण केंद्र इस मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रशिक्षुओं को व्यापक, व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो जो उनकी तकनीकी क्षमताओं को निखारता है और उनकी लंबे समय की रोजगार क्षमता को बढ़ाता है। प्रशिक्षण निःशुल्क प्रदान किया जाता है, जो सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना समावेशिता और अवसरों तक समान पहुँच प्रदान करने के लिए जिप्रोक की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को नौकरी प्लेसमेंट सहायता से लाभ होगा, जो स्थिर, अच्छे वेतन वाले करियर के लिए उनके मार्ग को और मजबूत करेगा।
सेंट-गोबेन इंडिया – जिप्रोक बिजनेस के मैनेजिंगग डायरेक्टर श्री सुदीप कोल्टे ने इस पहल पर अपनी बात रखी और कहा “प्रथम फाउंडेशन के साथ हमारी साझेदारी पूरे भारत में कौशल विकास को आगे बढ़ाने के हमारे मिशन पर केंद्रित रही है। गोंडा प्रशिक्षण केंद्र के उद्घाटन के साथ, हम निर्माण उद्योग में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल के साथ लोगों को सशक्त बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। उन्हें विशेष ज्ञान और व्यावहारिक विशेषज्ञता से लैस करके, हम भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने में मदद कर रहे हैं जो भारत के बुनियादी ढांचे के सतत विकास का समर्थन करेगा।”
कौशल निर्माण और व्यावसायिक प्रशिक्षण में जिप्रोक की भूमिका सतत विकास के लिए इसकी रणनीति का आधार रही है। 2013 से, कंपनी ने खुद को एक ऐसा काम का माहौल तैयार के लिए समर्पित किया है जहाँ व्यक्ति उद्योग-विशिष्ट कौशल प्राप्त कर सकते हैं जो न केवल नौकरी देने वालों की तत्काल मांगों को पूरा करते हैं बल्कि उन्हें दीर्घकालिक कैरियर उन्नति के लिए भी तैयार करते हैं। जिप्रोक उच्च-गुणवत्ता, व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करता है जो शैक्षिक सिद्धांत और वास्तविक दुनिया के उपयोग के बीच की खाई को पाटने में मदद करता है। गोंडा प्रशिक्षण केंद्र व्यापक शिक्षण अनुभव प्रदान करेगा जिसमें तकनीकी ज्ञान, सुरक्षा प्रोटोकॉल और टिकाऊ निर्माण अभ्यास शामिल हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रशिक्षु भारत की उभरती निर्माण आवश्यकताओं में योगदान देने में सक्षम पेशेवर हैं।
आने वाले वर्षों में, सेंट-गोबेन जिप्रोक इंडिया कौशल विकास के माध्यम से स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने के अपने दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्ध है। जमीनी स्तर पर प्रतिभा निर्माण पर ध्यान केंद्रित करके, कंपनी यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि भारत का निर्माण क्षेत्र प्रतिस्पर्धी, जरूरत के अनुसार ढलने और निरंतर सफलता के लिए तैयार रहे।