आयकर विभाग द्वारा झारखंड में तलाशी एवं जब्ती कार्रवाई

तलाशी के दौरान 2 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित नकदी बरामद हुई है। कुल 16 बैंक लॉकरों पर रोक लगा दी गई है। अब तक की तलाशी में 100 करोड़ रुपये से अधिक के बिना हिसाब वाले लेनदेन/निवेश का पता चला है।

नई दिल्ली। आयकर विभाग द्वारा कोयला व्यापार/परिवहन, सिविल अनुबंधों के निष्पादन, लौह अयस्क का खनन और स्पंज आयरन के उत्पादन में लगे कुछ व्यावसायिक समूहों पर तलाशी एवं जब्ती कार्रवाई शुरू की गई थी। जिनकी तलाशी ली गयी, उनमें राजनीतिक रूप से सक्रिय दो व्यक्ति और उनके सहयोगी शामिल हैं। रांची, गोड्डा, बेरमो, दुमका, जमशेदपुर, चाईबासा, पटना, गुरुग्राम और कोलकाता स्थित 50 से अधिक परिसरों में तलाशी ली गई।

तलाशी अभियान के दौरान बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं। इन साक्ष्यों के प्रारंभिक विश्लेषण से संकेत मिलता है कि इन समूहों ने कर चोरी के विभिन्न तरीकों का सहारा लिया है, जिनमें व्यय को बढ़ाकर दिखाना, नकद में ऋण का लेनदेन, नकद में भुगतान / प्राप्तियां और ब्यौरा छिपाना शामिल हैं। तलाशी के दौरान यह भी पता चला है कि अचल संपत्तियों में निवेश किया गया है, जिनके स्रोत के बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं दी गयी है।

तलाशी अभियान से यह भी पता चला कि सिविल ठेके का कार्य कर रहा एक समूह नियमित खातों का रखरखाव नहीं कर रहा था। समूह कच्चे माल/उप-अनुबंध व्यय के गैर-वास्तविक लेनदेन को वर्ष के अंत में एकमुश्त व्यय दिखाकर अपने खर्चों को बढ़ाकर दर्ज कर रहा था। जब्त किए गए साक्ष्य यह भी बताते हैं कि अनुबंधों को हासिल करने के लिए नकद में अनुचित भुगतान किया गया है।

कोयला व्यापार/लौह अयस्क की निकासी आदि के काम में लगे दूसरे समूह के मामले में, बहुत अधिक कीमत के लौह अयस्क का बिना हिसाब वाला स्टॉक पाया गया है, जिसकी मात्रा अभी निर्धारित नहीं की जा सकी है। उक्त समूह ने मुखौटा कंपनियों के माध्यम से लेन-देन का जाल बिछाकर अपने बिना हिसाब वाले धन को असुरक्षित ऋण और शेयर पूंजी में निवेश किया है। इस समूह से जुड़े पेशेवर कर्मचारियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने किसी भी सहायक दस्तावेज का सत्यापन नहीं किया था और बिना उचित जांच के समूह के लेखाकार द्वारा तैयार की गई ऑडिट रिपोर्ट पर हस्ताक्षर किए थे।