Srilanka Crisis : आपातकाल की घोषणा, प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने की हवा में फायरिंग

आखिरकार श्रीलंका में आपातकाल की घोषणा कर दी गई। राजधानी कोलंबो में प्रदर्शनकारियों का उधम जारी है। सात दशकों के इतिहास में अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से निपटने के लिए 2 करोड़ 20 लाख की आबादी वाले इस द्वीप देश के भविष्य पर सवाल बने हुए हैं।

कोलंबो। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश से भाग जाने के बाद श्रीलंका ने आपातकाल की घोषणा की। श्रीलंका की राजधानी में तनाव तेजी से बढ़ रहा है। श्रीलंकाई पुलिस प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हवा में फायरिंग कर रही हैं। प्रदर्शनकारी खुद को नुकसान से बचाने के लिए सड़क के फर्नीचर का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों से सुरक्षा के लिए अस्थायी ढाल या बाड़ इकट्ठा करते दिखाई दे रहे हैं।

गौर करने योग्य यह भी है कि श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के मालदीव भाग जाने के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में आपातकाल की स्थिति घोषित की। रिपोर्ट के मुताबिक, 20 जुलाई को श्रीलंका के नये राष्ट्रपति का चुनाव किया जाएगा, जबकि साजिथ प्रेमदासा को अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है। वहीं, श्रीलंका के पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने भी अपने पद छोड़ने के फैसले की घोषणा कर चुके हैं।

कोलंबो में प्रधानमंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में सैन्य कर्मियों की तैनाती की गई है। मौके पर पहुंचे प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। लंबो में विरोध प्रदर्शन के चलते श्रीलंका के प्रधानमंत्री आवास पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कोलंबो में श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शनकारियों के इकट्ठा होने के दौरान हवा में गोलियां चलने की आवाज सुनी गई।

श्रीलंका की सत्तारूढ़ पार्टी के कई प्रमुख सदस्य प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में समर्थन देने के इच्छुक हैं, हालांकि अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है, सत्तारूढ़ पार्टी के एक शीर्ष सूत्र ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को इसकी जानकारी दी है।