संदीप ठाकुर के नाम पर सुभाष चंद्र और सनोज कुमार को एक्सलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया

परम आनंदम ट्रस्ट एवं फेम फाइंर्डस ने एस्ट्रोवर्ल्ड 2024 का आयोजन किया. जी डिजिटल मीडिया, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के हेड दिव्या शर्मा को एक्सलेंस अवार्ड से नवाजा गया.

नई दिल्ली। परम आंनदम ट्रस्ट एवं फेम फाइंडर्स ने एस्ट्रोवर्ल्ड 2024 कान्कलेव का आयोजन नईदिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में किया। जिसमें देश भर के ज्योतिषाचार्य सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। साथ ही दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार संदीप ठाकुर के नाम पर वरिष्ठ पत्रकार सुभाष चंद्र एवं सनोज कुमार को एक्सलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया एवं इस मौके पर ज्योतिषाचार्यों ने कहा कि ज्योतिष का महत्व पुरातन काल से ही है। ज्योतिष एक पूर्ण विज्ञान है क्योंकि हमारे सनातन संस्कृति का आधार वेद है, जो पूर्ण विज्ञान है और ज्योतिष वेदों का छठा अंग माना जाता है…। इस मौके पर सप्तऋषि सम्वत् 8800 पर खास चर्चा हुई। जो 13 जनवरी को 8801 को हो जाएगा। यह काल सौ वर्षों बाद आता है।
इस खास कान्कलेव में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद राजमणि पटेल ने कहा कि आज सामाजिक सौहार्द बनाने का समय है। इसमें ज्योतिषों की अहम भूमिका होगी। ज्योतिष की गणना बच्चे के जन्म के समय ही शुरुआत हो जाती है। ज्योतिष ही बताते हैं कि देश के भविष्य कैसा है। इसके लिए क्या करने की जरूरत है।

इस खास कान्कलेव में गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में सर्व ब्राह्मण महासभा के नेशनल प्रेसिडेंट शुभेष शर्मन ने कहा की आज ज्योतिष विद्या पर काफी कुछ किया जा रहा है। जनता भी काफी रुचि लेती है यह सालों साल से भारत में रहा है। हमारी संस्कृति में ही ज्योतिष है। जिस आधार पर हम जीवन जींते हैं। आज समाज में ज्योतिष का महत्व बढ गया है यह सब आपको बताया गया। ज्योतिष तो पुरातन समय से ही आपके साथ है। जो जीवन को बेहतर बनाने में आपके साथ है।
मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद आचार्य रेखा ने ग्रहों के आधार पर व्यक्ति का रूप एवं व्यवहार का खास प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्रह के अनुसार ही व्यक्ति का व्यक्तित्व एवं व्यवहार होते हैं। व्यक्तित्व विकास में ज्योतिष का महत्व निरंतरकाल से बना हुआ है आगे भी इसी तरह बना रहेगा। आचार्य रेखा ने कहा कि आज ज्योतिषिय विद्या पर विशेष कार्य हो रहा है जिसे विद्यालयों में जोड़े जाने की जरूरत है। नई एजुकेशन पॉलिसी आई है जिसमें कई तरह के बदलाव हो रहे हैं। निश्चिततोर पर भारत विश्व गुरु की ओर अग्रसर है।

रेखा आर्य ने कहा कि परमानंदम ट्रस्ट पिछले कई वर्षों से एस्ट्रो पर कार्यक्रम करता रहा है ताकि लोगों में जागरूकता के साथ साथ जानकारी भी हासिल हो सके। खासतौर पर यह वर्ष काफी महत्वपूर्ण है कर्म करने वालों के लिए। साथ ही कई घटनाएं एक साथ होंगी। जिसमें सप्तऋषि संवत् 8801 की शुरुआत 13 जनवरी को होगा। यह काल सौ वर्षों बाद आता है इसके हमलोग साक्षी है।

रेखा आर्य ने कहा कि लोगों के जीवन में कई तरह के बदलाव ज्योतिष करने हुए हैं। आप अगर समय समय पर ज्योतिषाचार्य से सलाह लेकर आगे बढ़ते हैं तो आपके व्यक्तित्व में चार चांद लगता है।

देश का सबसे पुराना शास्त्र है वैदिक वैदिक ज्योतिष। जो वेदों का अंग है। अथर्ववेद में ज्योतिष से संबंधित 162 श्लोक, यजुर्वेद में 44 और ऋग्वेद में 30 श्लोक हैं। देखने में आया है कि कोटा जैसे शहर में तैयारी करने गए बच्चे अपने जीवन लीला समाप्त कर गए। यह कैसा हो रहा है। क्या ज्योतिष इसमें कुछ कर सकता है। जी हां अगर बच्चों की कुंडली को शुरु में देख लिया जाए। उनके रूचि के अनुसार ही उन्हें आगे बढ़ने दिया जाए तो संभव है ऐसे कदम हमारे युवा नहीं उठाएंगें। इस सभागार में कई लोग उपस्थित होंगे जिनकी जिंदगी में कई तरह के बदलाव ज्योतिष के कारण आए होंगे। ज्योतिष के 18 महर्षि प्रवर्तक हुए हैं और कश्यप ने इनका नाम सूर्य, पितामह, व्यास, वशिष्ट, अत्रि, पराशर, कश्यप, नारद गर्ग, मरीचि, मनु, अंगिरा, लोमेश, पौलिष, च्यवन, यवन, भृगु और शौनक बताया है।

ज्योतिषाचार्य रेखा ने कहा कि ज्योतिष को वेदों की आंखें कहा गया हैं, क्योंकि ज्योतिष के माध्यम से ही पता चलता है कि जीव पिछले जन्म में क्या था और अब किन कर्मफलों को पूरा करने के लिए दूबारा जन्म ले चुका हैं और यही कर्मफल यहां व दशा के माध्यम से मिलते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म कर्मप्रधान धर्म हैं, भाग्य प्रधान नहीं हैं। हमारे सभी वेद, उपनिषद और गीता कर्म करने की ही शिक्षा देते हैं। हम यहीं कहेंगे कि आज के सार्थक प्रयास को आम लोगों के जिंदगी में काफी कुछ बदलाव लाएगा। आप आपना स्नेह परमानंद ट्रस्ट पर बरसाते रहे। निश्चिततौर पर आप बेहतर सीखेंगे।

इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता सीए शंकर जी अदनाणी ने कहा कि भारत में ज्योतिष पर पुरातन काल से कार्य हो रहा है आगे भी इसी तरह से कार्य होंगे। टीवी के आने से हर कार्य में ज्योतिष को जोड़ा जा रहा है जिससे कई तरह के संभावना को सत्य भी किया जा रहा है। आज के युग में ज्योतिष का महत्व काफी बढ़ गया है आने वाले दिनों में इसका ओर महत्व बढ़ेगा। खास तोर पर व्यक्तित्व विकास पर ज्योतिष का महत्व ज्यादा है।

इस खास कान्कलेव में मुख्य वक्ता वक्ता कुसुम लुनिया ने कहा कि आज वैदिक एजुकेशन पर जोर देने की जरूरत है जिस प्रकार से परम आनंदम ट्रस्ट एवं फेम फाइंर्ड्स कार्य कर रहा है इससे काफी सहायता मिल रही है ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए जिससे आने वाले दिनों में इसका ओर महत्व बढ़ जाएगा।

इस कान्कलेव में वक्ता के रूप में विष्णु पांडेय, आचार्य चेतन टिक्कू, डॉ परमानंद आर्य, आचार्य रेखा,समाज सेवी दिव्या तंवर, ज्योतिषाचार्य राजीव राज आदित्य, शरद कुमार गुप्ता, डॉ. कैलाश बिहारी सिंह ने भी ज्योतिषिय विद्या पर अपने विचार व्यकत् करें।

इस मौके पर प्रसिद्ध व वरिष्ठ पत्रकार सुभाष चंद्र एवं सनोज कुमार को संदीप ठाकुर एक्सलेंस अवार्ड दिया गया। विदित हो कि संदीप ठाकुर वरिष्ठ पत्रकार थे जो कई बड़े मीडिया ग्रुपों के साथ कार्य किया था।

इस मौके पर जी मीडिया के डिजिटल हेड दिव्या शर्मा को एक्सलेंस अवार्ड से नवाजा गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ परमानंद ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि परम आनंदम का यह चौथा कांक्लेब था। हम आपको विश्वास
दिलाना चाहते हैं कि समय समय पर हम आपके लिए ऐसे कांक्लेव का आयोजन करते रहेंगे जिससे समाज लाभान्वित होगा। हमारी कोशिश है कि नये ज्योतिषाचार्यों
को भी एक मंच दिया जाए इसके लिए लगातार प्रयासरत रहा है परम आनंदम। परम आनंदम साल के शुरुआत में ही कार्यक्रम का आयोजन करने का मकसद यह भी है कि नए सप्तऋषि वर्ष के बारे में आम जन को बताया जाए। 2024 का वर्ष काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। ऐसे में हमलोगों के जो आज संकल्प लिया है उसे इस वर्ष पूरा करेंगे।

गौरतलब है कि परम आनंदम ट्रस्ट का यह चौथा फिजिकली कान्कलेव है जिसमें समाज में कई उभरते मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके पहले परम आनंदम ने ज्योतिष एक विज्ञान एवं पर्सनालिटी एससेमेंट पर कान्कलेव का आयोजन किया था जिसे काफी सराहना मिली थी।