रेप केस में बरी हुए तरूण तेजपाल, गोव कोर्ट से मिल गई जमानत

अपने साथी से रेप करने के आरोप में 8 साल पहले हिरासत में लिए गए थे पूर्व संपादक तरूण तेजपाल। शुक्रवार को गोवा जिला अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। अपनी रिहाई पर तेजपाल ने कहा कि जिन्होंने सच का साथ दिया, इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं।

पणजी। आखिरकार 8 साल बाद पूर्व पत्रकार-संपादक तरूण तेजपाल (Tarun Tejpal) को राहत मिल गई। रेप मामले (Rape Case) में वो सजायाफ्ता थे। तरूण तेजपाल की ओर से शुक्रवार को बयान जारी किया गया और कहा गया कि नवंबर 2013 में मेरी एक सहयोगी ने शारीरिक शोषण करने का मुझपर गलत आरोप लगाए थे। आज गोवा (Goa) के ट्रायल कोर्ट के एडिशनल सेशल जज क्षमा जोशी ने मुझे बाइज्जत बरी कर दिया है। ऐसे मुश्किल समय में जब लोगों में साहस नहीं है उन्होंने सच का साथ दिया, इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं।

असल में, गोवा की जिला अदालत (Goa District Court) ने शुक्रवार 21 मई को 8 साल पुराने रेप मामले में तरुण तेजपाल को बरी कर दिया है। कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से स्टाफ कम होने के कारण गोवा की सेशन कोर्ट ने बुधवार 19 मई को यह फैसला 21 मई के लिए टाल दिया था। बुधवार को तेजपाल अपने परिवार के कुछ सदस्यों और वकीलों के साथ कोर्ट में मौजूद थे।

बता दें कि तरूण तेजपाल (Tarun Tejpal) तहलका के पूर्व एडिटर-इन-चीफ थे। उन पर साल 2013 में गोवा के एक लग्जरी होटल की लिफ्ट में अपनी महिला सहयोगी का शारीरिक शोषण करने का आरोप था। घटना गोवा में बाम्बोलिम के एक पंच सितारा होटल में हुई थी। यहां तहलका की तरफ से ‘थिंक’ नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। महिला के आरोप के बाद गोवा पुलिस ने तेजपाल को 30 नवंबर को गिरफ्तार किया। कोर्ट ने तेजपाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उस समय यह घटना काफी दिनों तक सुर्खियां में रहीं थीं।

गोवा पुलिस (Goa Police) ने नवंबर 2013 में तेजपाल के खिलाफ केस रजिस्टर किया था। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी। तेजपाल तमाम आरोपों को खारिज करते रहे और उन्हें मई 2014 में जमानत मिली। कोर्ट से बाहर निकलते हुए तरुण तेजपाल ने इस मामले में बात करने से मना कर दिया और कहा कि यह अभी कोर्ट के अधीन है। मामले में तेजपाल का पक्ष रखने वाले वकीलों की टीम के प्रमुख राजीव गोम्स की कोरोना बीमारी से पिछले सप्ताह मौत हो गई।

गोवा की क्राइस ब्रांच ने तेजपाल के खिलाफ चार्ज शीट फाइल की थी। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 341, 342, 354, 355-A, 355-B, 376 (2)(f) और 376 (2) (k) के तहत शोषण, गलत बर्ताव करने, शारीरिक शोषण और अपने पोजीशन का गलत इस्तेमाल करते हुए रेप करने का आरोप लगाया है। तरुण तेजपाल ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उनके खिलाफ सभी मामलों को खारिज कर दिया जाए लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका नहीं मानी थीं।