नई दिल्ली। राज्यसभा से निलंबित 12 सांसदों को लेकर पक्ष और विपक्ष में सहमति नहीं बन पा रही है। संसद की कार्यवाही भी बाधित हो रही है। ‘अशोभनीय आचरण’ के लिए 12 सांसदों को निलंबित किए जाने के बाद से राज्यसभा में चल रहे गतिरोध के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मंगलवार को कहा कि अगर इन सदस्यों का निलंबन रद्द कर दिया जाता है तो सदन सुचारू से चल सकता है, लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार सदन नहीं चलाना चाहती है।
इस संबंध में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राज्यसभा में पैदा हो रही अड़चनों के लिए सरकार ज़िम्मेदार है, हमने सदन को चलाने की बहुत कोशिश की। हम बार-बार सदन के नेता, सभापति से मिलते रहे और अपनी बात रखी कि नियम 256 के तहत जब आप निलंबित कर रहे हैं तो उस नियम के मुताबिक ही निलंबित कर सकते हैं।
खड़गे ने आरोप लगाया, ‘‘राज्यसभा में जो गतिरोध पैदा हो रहा है, उसके लिए सरकार जिम्मेदार है। हमने बहुत कोशिश की है कि सदन चले। हम बार-बार सदन के नेता (पीयूष गोयल) और सभापति (वेंकैया नायडू) से हमने बार-बार यही कहा कि आप नियम तहत ही निलंबित कर सकते हैं, लेकिन आपने नियम को छोड़ दिया और मानसून सत्र की घटनाओं के लिए हमारे 12 सदस्यों का गलत तरीके से निलंबित किया।’’
Govt is responsible for the obstructions arising in the Rajya Sabha today. We tried a lot to facilitate the functioning of the House, we met Leader of the House & Chairman repeatedly to put forth our views that MPs can be suspended only as per Rule 256: LoP RS Mallikarjun Kharge pic.twitter.com/6A6ebo28nY
— ANI (@ANI) December 7, 2021
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘‘हमारी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। मोदी जी तानाशाही तरीके सदन और सरकार चलाना चाहते हैं।’’खड़गे ने दावा किया, ‘‘विपक्षी सदस्यों को अलोकतांत्रिक तरीके से निलंबित किया गया है। हम बार बार सभापति से निवेदन कर रहे हैं कि हमारे सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना आपका फर्ज है। क्या वह सरकार के दबाव में हैं, यह हमें मालूम नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस सत्र में हम बहुत मुद्दे उठाने चाहते थे। इससे पहले 12 सदस्यों को निलंबन रद्द करने का आग्रह किया। लेकिन सरकार नहीं मानी। ऐसा लगता है कि सरकार की मंशा चर्चा करने की नहीं है।’’
The Home Ministry has told Parliament that there has been no intrusion on Indo-China border in last 3 years.
So Galwan didn't happen, our soldiers didn't die and the Chinese village in Arunachal is indeed built by BEIJING JANATA PARTY under PM Awas Yojna?
— Leader of Opposition, Rajya Sabha (@LoPIndia) December 7, 2021
असल में, पिछले सप्ताह सोमवार, 29 नवंबर को आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था। जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।