नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की पुरजोर संभावना है। औपचारिक एलान कुछ दिनों में चुनावी प्रक्रिया के बाद हो जाएगा। दूसरी ओर राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे दी जाएगी, इसके लेकर पार्टी नेतृत्व को हरके कांग्रेस विधायक से बात करनी पड़ रही है। जोधपुर में विभिन्न स्थानों पर ‘सत्यमेव जयते, नए युग की तैयारी’ लिखकर कांग्रेस विधायक सचिन पायलट की तस्वीर वाले होर्डिंग्स लगाए गए।
कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने सीधेतौर पर कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री की अनुमति से रखी गई थी। जो विधायक नहीं आए उनसे वन टू वन बात सुनने के लिए हम यहां आए हैं। कोई भी बात हो आप हमें कहें। कोई फैसला नहीं हो रहा है। जो आप कहेंगे वो बात हम दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष को बताएंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले विधायकों ने अपने इस्तीफे रविवार रात विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को सौंप दिए। उन्होंने हाईकमान के सामने तीन शर्तें रख दी हैं, जिसमें सबसे बड़ी यह है कि सचिन पायलट को सत्ता ना सौंपी जाए। राज्य विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने रविवार देर रात कहा, ”हमने इस्तीफे दे दिए हैं और आगे क्या करना है इसका फैसला अब विधानसभा अध्यक्ष करेंगे। इससे पहले राज्य के आपदा प्रबंधन और राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने मीडियाकर्मियों से कहा, ”हम अभी अपना इस्तीफा देकर आए हैं।” यह पूछे जाने पर कि कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया, उन्होंने कहा, ”लगभग 100 विधायकों ने इस्तीफा दिया है।”
राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि एक बच्चे से भी पूछेंगे तो वह भी बता देगा कि इतना कुछ होने के बाद कुछ गुंजाइश नहीं बनती (मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कांग्रेस अध्यक्ष बनने की)। सचिन पायलट पार्टी का वफादार सिपाही है। सब (विधायक) आलाकमान के साथ है।
भारत जोड़ो यात्रा पर निकले पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान पर रिपोर्ट ली है। उन्होंने संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल को दिल्ली भेजा है। केसी वेणुगोपाल आज शाम अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। राहुल गांधी इस समय केरल में हैं।
राजस्थान राजनीतिक संकट पर राज्य में BJP प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि इससे पहले भी वे(विधायक) 50 दिन बाड़े में बंद रहे हैं। मुख्यमंत्री(बनने) के लिए जो महत्वाकांक्षा रही, उससे कांग्रेस बेनकाब हुई है। अशोक गहलोत ने ऐसी सरकार छोड़ी है जिसे देवता भी ऐसी परिस्थितियों को बदल नहीं पाएंगे।