ये पहली बार ही हुआ, मुख्यमंत्री के साथ उनकी पार्टी भी हुई आरोपी

 

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने दिल्ली सरकार की शराब नीति में हुए कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में आखिरकार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी दोनों को आरोपी बना दिया। ईडी ने शुक्रवार को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत में आठवां पूरक आरोपपत्र दायर किया, जिसमें केजरीवाल और आप दोनों को आरोपी बनाया गया। एजेंसी ने इस मामले की जांच शुरू करने के डेढ़ साल से ज्यादा समय बीतने के बाद केजरीवाल को आरोपी बनाया है। गौरतलब है कि ईडी ने केजरीवाल को अनेक बार समन जारी करके बुलाया था लेकिन किसी समन में उनको आरोपी नहीं बताया गया था। लेकिन अचानक एक दिन उनको गिरफ्तार कर लिया गया।

बहरहाल, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है। इस पर सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जा सकते हैं। इस पर सुनवाई के दौरान ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी दोनों को आरोपी बनाया है।

इसके कुछ देर बाद ही ईडी की एक टीम दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची और शराब नीति केस में आठवां पूरक आरपोपत्र दायर किया। इसमें केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का नाम शामिल था। गौरतलब है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। डेढ़ महीने से ज्यादा समय तक ईडी की हिरासत में और न्यायिक हिरासत में रहने के बाद केजरीवाल 10 मई को अंतरिम जमानत पर रिहा हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनको 21 दिन यानी एक जून तक चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी है। दो जून को उन्हें सरेंडर करना होगा।

बहरहाल, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की। ईडी की तरफ से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू और केजरीवाल की तरफ से अभिषेक सिंघवी ने बहस में हिस्सा लिया। अंत में जस्टिस खन्ना ने कहा- हमने सभी पक्षों की दलीलें सुनीं। फैसला सुरक्षित रखते हैं। इसके बावजूद, अधिकारों और विवादों पर गलत असर डाले बिना अपीलकर्ता कानून के मुताबिक जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट में जा सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष एक हफ्ते के अंदर लिखित दलीलें और अन्य दस्तावेज अदालत में दाखिल कर सकते हैं।