पीएम मोदी ने किसानों से किया आंदोलन खत्म करने का आग्रह, क्या मानेंगे किसान

राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश में सुधार होते हैं तो उसका विरोध होता है। उन्होंने कहा कि जब देश में हरित क्रांति आई थी उस समय भी कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों का विरोध हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘हम आंदोलन से जुड़े लोगों से लगातार प्रार्थना करते हैं कि आंदोलन करना आपका हक है, लेकिन बुजुर्ग भी वहां बैठे हैं। उनको ले जाइए, आंदोलन खत्म करिए। यह, खेती को खुशहाल बनाने के लिए फैसले लेने का समय है और इस समय को हमें नहीं गंवाना चाहिए।

नई दिल्ली। संसद भवन में सोमवार को धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर बात की। बीते ढाई महीने से जारी किसान आंदोलन को लेकर भी उन्होंने अपनी बात रखीं। पीएम मोदी ने किसान नेताओं और देश के सभी किसानों से आग्रह किया कि वे आंदोलन खत्म करें। विपक्षी दलों ने इस पर तंज कसा। किसान नेताओं की ओर से अभी तक कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखा। ऐसे में बडा सवाल यह है कि अब आगे क्या होगा ?

राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश में सुधार होते हैं तो उसका विरोध होता है। उन्होंने कहा कि जब देश में हरित क्रांति आई थी उस समय भी कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों का विरोध हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘हम आंदोलन से जुड़े लोगों से लगातार प्रार्थना करते हैं कि आंदोलन करना आपका हक है, लेकिन बुजुर्ग भी वहां बैठे हैं। उनको ले जाइए, आंदोलन खत्म करिए। यह, खेती को खुशहाल बनाने के लिए फैसले लेने का समय है और इस समय को हमें नहीं गंवाना चाहिए। हमें आगे बढ़ना चाहिए, देश को पीछे नहीं ले जाना चाहिए।’’

मोदी ने आंदोलनरत किसानों के साथ विपक्षी दलों से भी आग्रह किया कि इन कृषि सुधारों को मौका देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें एक बार देखना चाहिए कि कृषि सुधारों से बदलाव होता है कि नहीं। कोई कमी हो तो हम उसे ठीक करेंगे, कोई ढिलाई हो तो उसे कसेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मंडियां और अधिक आधुनिक बनेंगी और इसके लिए इस बार के बजट में व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हर कानून में कुछ समय बाद सुधार होते रहे हैं और अच्छे सुझावों को स्वीकार करना तो लोकतंत्र की परंपरा रही है।

दूसरी ओर, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि MSP पर क़ानून बने यह किसानों के लिए फायदेमंद होगा। देश में भूख से व्यापार करने वालों को बाहर निकाला जाएगा। देश में अनाज की कीमत भूख से तय नहीं होगी। प्रधानमंत्री को अपील करनी चाहिए कि विधायक और सांसद अपनी पेंशन छोड़े उसके लिए यह मोर्चा धन्यवाद करेगा।

कांग्रेस पार्टी की ओर से सांसद मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि किसान चाहते हैं कि MSP की गांरटी एक्ट में हो। जब मोदी साहब गुजरात के मुख्यमंत्री थे और कमेटी के अध्यक्ष थे उस वक्त उन्होंने ही लिखित में कहा था कि किसानों को MSP लिखित में मिलनी चाहिए। आज वे क्यों नहीं दे रहे हैं।