मानव तस्करी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए वैश्विक ‘वॉक फॉर फ्रीडम’ के नई दिल्ली संस्करण में 300 से अधिक नागरिकों ने भाग लिया

आधुनिक समय में गुलामी के खिलाफ दुनिया की सबसे बड़ी समसामयिक पदत्रा में भारत के 100 अन्य स्थानों एवं 50 देशों में 500+ स्थानों पर पदयात्रा करने वाले हजारों अन्य लोग एक-साथ जुड़े

नई दिल्ली । आज सुबह नई दिल्ली में मानव तस्करी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कॉर्पोरेट, कॉलेजों और गैर सरकारी संगठनों के 300 से अधिक नागरिकों ने वॉक फॉर फ्रीडम में भाग लिया। पदयात्रा का उद्घाटन डिफेंस कॉलोनी के एसडीएम श्री गौरव सैनी ने किया। इस अवसर पर बोलते हुए, उन्होंने कहा, “वे शनिवार की सुबह इतने सारे युवा चेहरों को इस उद्देश्य के लिए पदयात्रा करते हुए देखकर खुशी हुई और ये पदयात्रा दिल्ली में ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिए।”

पदयात्रा की शुरुआत में, नई दिल्ली और देश भर में प्रतिभागियों ने अपने जीवनकाल में तस्करी को समाप्त करने में मदद करने हेतु अपनी क्षमता के अनुसार हर संभव प्रयास करने की शपथ ली। इसके बाद वे मानव तस्करी के बारे में जानकारी और आंकड़ों को दर्शाती तख्तियां लेकर एक पंक्ति में चले और डीडीए पार्क, जीके 1 से अपनी पदयात्रा शुरू करके, आसपास के सार्वजनिक मार्गों से गुजरते हुए उसी स्थान पर वापस लौटे। यह पदयात्रा मानव तस्करी के बेआवाज़ पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए पूरी तरह से एक मौन पदयात्रा थी।

नई दिल्ली ने इस वर्ष तीसरी बार वॉक फॉर फ़्रीडम में भाग लिया, और जो एनजीओ जस्टिस वेंचर्स इंडिया के नेतृत्व में शहर के कॉलेजों, कॉरपोरेट्स तथा नागरिक समाज समुदाय के सदस्यों एवं द मूवमेंट इंडिया की दिल्ली टीम के एक साथ आने से संभव हुआ। भाग लेने वाले संस्थानों में गैर सरकारी संगठन, कॉलेज और कॉर्पोरेट जैसे कि आश्रय इंडिया, शिक्षा रथ, हंसराज कॉलेज और एचडीएफसी सेल्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (2022) की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व स्तर पर 49.6 मिलियन लोग आधुनिक समय में गुलामी के विभिन्न रूपों में जकड़े हुए हैं, जिनमें सेक्स के लिए शोषण, श्रम, अंगों की तस्करी, बच्चों को बेचना, जबरन विवाह और घरेलू दासता शामिल है। इसका मतलब यह है कि विश्व स्तर पर प्रत्येक 150 में से 1 व्यक्ति गुलाम है। क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (2021) के अनुसार, यहां भारत में 2021 में हर दिन 8 बच्चों की तस्करी की गई। दिल्ली में, हाल ही में मई 2023 तक, बिहार, झारखंड या पश्चिम बंगाल के 41 बाल मजदूरों को आज़ाद मार्केट के खिलौना कारखानों से बचाया गया था। उनसे हर दिन सुबह 9 बजे से आधी रात तक काम कराया जाता था, उन्हें पर्याप्त भोजन, अच्छे कपड़े या आश्रय नहीं दिया जाता था और उन्हें एक ही बंद कमरे में रहने के लिए मजबूर किया जाता था। उनका बचाव दिल्ली पुलिस और कुछ गैर सरकारी संगठनों के संयुक्त प्रयास से संभव हो सका। (इंडिया टुडे, डीएनए इंडिया) इसी संदर्भ में दिल्ली के नई दिल्ली में वॉक फॉर फ़्रीडम आयोजित की गई थी।