नई दिल्ली। यदि यह कहा जाए कि 26 जनवरी किसान के नाम पर दिल्ली में उत्पात मचाने के नाम रहा और 27 जनवरी दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के नाम, तो गलत नहीं होगा। बीते दिन ट्रैक्टर परेड के नाम पर जो हिंसा की गई, उसमें अब तक 22 प्राथमिकी दर्ज कर ली गई। दिल्ली पुलिस लगातार सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृहमंत्रालय में हाइलेवल मीटिंग खत्म होने के बाद अब दिल्ली पुलिस आरोपी तक तेजी से पहुंचने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। मंगलवार को हुई हिंसा में शामिल किसानों की पहचान करने के लिए कई सीसीटीवी फुटेज और तमाम वीडियो को खंगाला जा रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त और आईबी चीफ के साथ गंभीर मंत्रणा की। बैठक में हर संभव पहलू पर विचार किया गया है कि ताजा घटनाक्रम और किसान आंदोलन को कैसे नियंत्रित किया जाए। आज दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त पीआरओ अनिल मित्तल की ओर से कहा गया कि मंगलवार को हुई हिंसा के मामले में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
बता दें कि किसान संगठनों ने केन्द्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के बैरिकेडिंग को तोड़ दिया और पुलिस के साथ कई जगहों पर झड़प हुई थी। कई वाहनों में तोड़ फोड़ किया गया था। ऐतिहासिक लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज भी लगा दिया गया था।
दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने चार मार्गों पर शांतिपूर्ण परेड निकालने का आश्वासन दिया था, लेकिन मंगलवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे छह से सात हजार ट्रैक्टर सिंघू बॉर्डर पर एकत्र हो गए और तय मार्गों के बजाय मध्य दिल्ली की ओर जाने पर जोर देने लगे। बार-बार समझाने के बावजूद निहंगों की अगुवाई में किसानों ने पुलिस पर हमला किया और पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया। पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका तो किसानों का एक वर्ग हिंसक हो गया, उन्होंने अवरोधक तोड़ दिये तथा वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को कुचलने का प्रयास किया। हालांकि बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज करके हिंसक भीड़ को नियंत्रित किया। लेकिन यहां से वे लाल किले की ओर बढ़ गए।