इंफाल। जिरीबाम जिले में सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए 10 संदिग्ध कुकी उग्रवादियों को श्रद्धांजलि देने के लिए सोमवार को राज्य के चुराचांदपुर में ताबूत रैली निकाली गई। इस रैली में कुकी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। इनमें से अधिकांश लोगों ने काले कपड़े पहने हुए थे। इन्होंने मारे गए संदिग्ध उग्रवादियों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए डमी ताबूत लेकर रैली में भाग लिया। उल्लेखनीय है कि मारे गए संदिग्ध उग्रवादियों के शव अभी भी स्थानीय अस्पताल के मुर्दाघर में हैं।
जोमी छात्र संघ (जेडएसएफ), कुकी छात्र संगठन (केएसओ) और मार छात्र संघ (एचएसए) ने सोमवार को एक संयुक्त सार्वजनिक नोटिस के जरिए स्कूलों और कॉलेजों को निर्देश दिया कि वे कक्षा 10 से ऊपर के विद्यार्थियों को काली शर्ट पहनकर इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भेजें।
उल्लेखनीय है कि असम के सिलचर स्थित एक अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव शनिवार दोपहर कुकी बहुल जिले चुराचांदपुर पहुंचे थे। मणिपुर में कुकी-जो समुदाय के एक प्रमुख संगठन स्वदेशी आदिवासी नेताओं के मंच (आईटीएलएफ) ने रविवार को फैसला लिया था कि अंतिम संस्कार तब तक नहीं किया जाएगा, जब तक कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट उनके परिवारों को नहीं सौंप दी जाती है।
मणिपुर पुलिस के आईजीपी (अभियान) मुइवा ने 11 नवंबर को संवाददाता सम्मेलन में दावा किया था कि छद्म वर्दी पहने और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने बड़ाबेकरा पुलिस स्टेशन और जिरीबाम जिले के जाकुरधोर में सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इसके बाद सुरक्षा बलों के साथ शुरू हुई भीषण मुठभेड़ में 10 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक अधिकारी भी घायल हुआ था। पुलिस ने दावा किया था कि संदिग्ध उग्रवादियों ने उसी जिले से तीन महिलाओं और तीन बच्चों सहित छह नागरिकों का अपहरण कर लिया था। बाद में उनकी निर्मम हत्या कर दी गई।