परिवहन व्यवस्था में करना है सुधार, राजघाट पर ‘टैक्टिकल अर्बनिज्म’ ट्रायल का उद्घाटन

परिवहन विभाग के साथ जीरो फैटलिटी कॉरिडोर (जेडएफसी) परियोजना के तहत, सेवलाइफ फाउंडेशन इस सप्ताह से पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के सुरक्षा में सुधार के लिए अस्थायी 'अर्बन डिजाइन इंटरवेंशंस' का परीक्षण करेगा।

नई दिल्ली। दिल्ली सरका की कोशिश है कि राजधानी में परिवहन व्यवस्था में सुधार की जाए। इसके लिए दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली की सड़कें सभी के लिए हैं। दिल्ली सरकार सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए दिल्ली की सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है ।इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने 2018 में दिल्ली रोड सेफ्टी पॉलिसी लॉन्च की थी। इन अर्बन टैक्टिकल ट्रायल्स के ज़रिये हमारा लक्ष्य शहर भर में सुरक्षित सड़कों और जंक्शनों का एक व्यापक नेटवर्क विकसित करना है।”


दिल्ली परिवहन विभाग ने इससे पहले दिल्ली के 13 चौराहों पर हादसों को कम करने के लिए एमओयू साइन किया था। दो साल पहले, भलस्वा चौक पर भी इसी तरह का शहरीकरण परीक्षण किया गया था, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले और दुर्घटना में होने वाली मौतों में कमी आई। इन परीक्षणों के माध्यम से, दिल्ली सरकार का लक्ष्य सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

इसे जोड़ते हुए, श्री आशीष कुंद्रा, परिवहन आयुक्त, दिल्ली ने कहा, “इन परीक्षणों का उद्देश्य सभी सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा तत्वों को सम्मिलित करना है। 2016 से, राजघाट चौराहे और राजघाट बस डिपो में सामूहिक रूप से 47 दुर्घटनाएँ, 13 मौतें और 51 घायल हुए हैं। इन परीक्षणों का उद्देश्य समावेशी, सस्ते और त्वरित तरीके से चौराहे को सभी के लिए सुरक्षित बनाना है।