अमेरिकी की अफगानिस्तान में बड़ी कार्रवाई, आईएसआईएस-के ‘साजिशकर्ता’ पर अटैक

अपने नागरिकों और सैनिक की मौत का बदला अमेरिका लेकर रहता है। काबुल एयरपोर्ट धमाके के बाद अमेरिकी प्रशासन और जो बाइडेन पर दबाव थां आखिरकार अफगानिस्तान की धरती पर अमेरिका ने कार्रवाई शुरू कर दी।

वाशिंगटन। अमेरिका अपने दुश्मनों को चुन चुन कर मारता है। यदि अमेरिकी प्रशासन ने ठान लिया कि हमला करना है, तो करेगा ही। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अमेरिका उसे मान्यता नहीं दे रहा। काबलु एयरपोर्ट पर जैसे ही बम धमाका किया गया और उसमें अमेरिकी नागरिक मारे गए, उसके बाद से ही अंदेशा था कि अमेरिकी बड़ी कार्रवाई करेगा।
खबरें मिल रही हैं कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के ‘‘साजिशकर्ता’’ के खिलाफ ड्रोन हमला किया। अमेरिका के सेंट्रल कमान के प्रवक्ता कैप्टन बिल अर्बन की ओर इसकी पुष्टि करते हुए कहा गया कि अमेरिकी सेना ने इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आईएसके) साजिशकर्ता के खिलाफ आज आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया। यह मानवरहित हवाई हमला अफगानिस्तान के नांगहर प्रांत में हुआ। शुरुआती संकेत मिले हैं कि हमने लक्षित व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया। हमारे पास किसी भी असैन्य व्यक्ति के न मारे जाने की जानकारी है।

गौर करने योग्य यह है कि अमेरिका ने काबुल हवाईअड्डे पर आत्मघाती धमाकों के 48 घंटे से भी कम समय में यह जवाबी कार्रवाई की है। हमले में 169 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई। बता दें कि इससे पहले व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन काबुल हवाईअड्डे पर हमला करने वाले आतंकवादियों को जिंदा नहीं छोड़ना चाहते। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बीते दिनों संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मुझे लगता है कि उन्होंने कल यह स्पष्ट कर दिया वह उन्हें धरती पर जिंदा नहीं छोड़ना चाहते।

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमले में मारे गए 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत का बदला लेने की प्रतिबद्धता जताई थी। राजनीतिक रूप से अमेरिका में उन पर दबाव था। जो बाइडन ने बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में कहा था कि जिन्होंने यह हमला किया और साथ ही जो अमेरिका को नुकसान पहुंचाना चाहता हैं, उन्हें बता दूं कि हम बख्शेंगे नहीं। हम भूलेंगे नहीं। हम तुम्हें मार गिराएंगे और तुम इसकी कीमत चुकाओगे। मैं अपने हितों और अपने लोगों की रक्षा करूंगा।