कांग्रेस ने क्यों अपने विधायकों को भेजा गोवा से चेन्नई

जब पार्टी में आंतरिक विद्रोह की खबरें आईं और 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले। कांग्रेस को डर है कि कुछ विधायक क्रॉस वोट कर सकते हैं, जिससे पार्टी को और शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेतृत्व के सामने अपने विधायकों के प्रति भरोसे का संकट खड़ा हो गया है। इसकी ताजा मिसाल उस समय देखने को मिली, जब गोवा प्रदेश कांग्रेस के कई विधायकों को चेन्नई भेजा गया है। माना जा रहा है कि ये विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। इनके पाला बदलने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा रहा है। इसके लिए एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है।

पांच विधायक संकल्प अमोनकर, यूरी अलेमाओ, अल्टोन डी’कोस्टा, रुडोल्फ फर्नांडीस और कार्लोस अल्वारेस फरेरा को चेन्नई ले जाया गया। गोवा में विपक्षी कांग्रेस ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले राज्य में अपने 11 विधायकों में से पांच को चेन्नई स्थानांतरित कर दिया है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “ये सभी विधायक शुक्रवार को सत्र समाप्त होने के बाद सीधे चेन्नई गए।” उन्होंने कहा कि वे सोमवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के लिए सीधे गोवा लौटेंगे। 11 जुलाई से शुरू हुआ गोवा विधानसभा का मानसून सत्र अगले शुक्रवार तक चलेगा।

गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित पाटकर ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष श्री कामत और श्री लोबो के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है। अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा। राष्ट्रपति भवन की दौड़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की द्रौपदी मुर्मू और संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच है।पार्टी ने कहा था कि श्री लोबो और श्री कामत सहित पांच विधायक संपर्क से बाहर हो गए थे। हालांकि, इन विधायकों ने सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन गोवा विधानसभा की कार्यवाही में भाग लिया और दावा किया कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है और वे पार्टी के साथ हैं। मंगलवार को वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुल 11 में से 10 विधायक शामिल हुए थे।