Delhi Pollution : दिल्ली कांग्रेस का सीधा आरोप, केजरीवाल सरकार प्रदूषण रोकने में पूरी तरह से है नाकाम

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द ने 7 वर्ष पहले अपने चुनावी प्रचार में जो वादें किए थे वो सभी आज खोखले साबित हो रहे है। दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए वर्ष 2018 में अरविन्द ने दिल्ली को 1000 इलैक्ट्रिक बसें देने का वायदा किया था वो भी वें पूरा नहीं कर पाए और नाही दिल्ली में अभी तक 1 भी इक्ट्रिक बस नहीं ला पाए।

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से लोगों का बुरा हाल हो रहा है। भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेता इसको लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। अब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की ओर से भी दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सीधा आरोप लगाया है।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मिडिया विभाग के चेयरमैन व पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने बताया कि आज भारत की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द के गैरजिम्मेदाराना रवैय के कारण दिल्ली प्रदूषण और गंदगी में नम्बर-1 बन चुकी है। उन्होंने बताया कि आज दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि आम जन को खुली हवा में सांस ले पाना बहुत ही मुश्किल हो पा रहा है, लोगों की आंखों में प्रदूषण के कारण जलन हो रही है, दिल्ली गैस चैम्बर बन गई है, अरविन्द केजरीवाल प्रदूषण को लेकर गम्भीर नहीं है उसके पास प्रदूषण को कम करने के लिए कोई ठोस योजनाएं नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए दिल्ली की जनता को भगवान भरोसे छोड़कर अपने राजनीतिक फायदे के लिए अन्य राज्यों में दिलचस्पी ले रहे है। आज की इस प्रैसवार्ता में श्री अनिल भारद्वाज के अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मिडिया विभाग के वाईस चेयरमैन श्री परवेज आलम भी मौजूद थे।

अनिल भारद्वाज ने कहा कि प्रदूषण के विरूद्ध दिल्ली सरकार के जितने भी अभियान चले या चल रहे है वें सभी नाकाम साबित हो रहे है फिर चाहे वो आॅड-ईवन रहा हो, ग्रीन बजत रहा हो, ट्री-प्लांटेशन रहा हो, रेड लाई आॅन, गाड़ी आॅफ रहा हो, या फिर “युद्ध प्रदूषण के विरूद्ध” हो। दिल्ली सरकार द्वारा चलाया जा रहा “युद्ध प्रदूषण के विरूद्ध” पूरी तरह से हार चुका है, क्योंकि दिल्ली में दिल्ली सरकार द्वारा चलाऐ जा रहे “युद्ध प्रदूषण के विरूद्ध” का कोई भी असर नहीं हो रहा है और नाहीं लाखों रूपय खर्च कर “रेड लाईट आॅन, गाड़ी आॅफ” शुरू किए गए अभियान का कोई असर हुआ है। उन्होंने कहा कि अरविन्द द्वारा 27 अक्टूबर से शुरू किए गए “पटाखे नहीं दिय जलाओं” अभियान भी पूरी तरह से विफल हो चुका है। उन्होंन बताया कि पिछले पांच सालों के दौरान आज दिल्ली में ।पत फनंसपजल प्दकमग का लेवल 500 के पार पहुंच चुका है। उन्होंन बताया कि दिल्ली में पताखें की खरीद-बिक्री की निगरानी के लिए जिला स्तर पर दिल्ली सरकार ने 157 सदस्यों वाली 15 टीमों की घोषणा की थी परन्तु इसके वाबजूद अरविन्द प्रदूषण पर लगाम लगाने में नाकाम रहे।