नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने जेवर में एशिया के सबसे बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास कर दिया है। इसके पहले उन्होंने जेवर एयरपोर्ट का मॉडल और ऑडियो-विजुअल प्रजेंटेशन देखा है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट का बहुत बड़ा लाभ दिल्ली एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के करोड़ों लोगों को होगा। साथियों 21 सदी का नया भारत एक से बढ़कर एक आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूपी के देश के सभी लोगों को नोएडा एयरपोर्ट के इस भूमिपूजन की बहुत बहुत बधाई। आज इस भूमिपूजन के साथ ही जेवर भी अंतरराष्ट्रीय मानकी तरफ बढ़ गया है। इसका बहुत बड़ा लाभ दिल्ली एनसीआर व पूरे देश को होगा। इसके लिए पूरे देश को बधाई देता हूं। 21वीं सदी का भारत एक से एक आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहा है। बेहतर सड़क, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन का निर्माण हो रहा है। ये सभी लोगों का जीवन बदलकर रख देते हैं। सभी वर्ग का जीवन इससे प्रभावित होता है और इससे बहुत लाभ मिलता है। इन प्रोजेक्ट की ताकत और बढ़ जाती है जब इनके साथ लास्ट माइल कनेक्टिविटी हो। नोएडा एयरपोर्ट कनेक्टिविटी की दृष्टि से भी बेहतरीन मॉडल बनेगा।
पीएम श्री @narendramodi द्वारा उत्तर प्रदेश के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शिलान्यास। #नए_यूपी_की_उड़ान https://t.co/q12KbkHrG3
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) November 25, 2021
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम स्थल पर मौजूद हैं। जनसभा के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के नागरिकों ने एक बदलते हुए भारत को देखा है। एक भारत, श्रेष्ठ भारत को बनते देखा है। उन्होंने कहा कि यहां के किसानों ने कभी गन्ने की मिठास बढ़ाने का काम किया था, लेकिन कुछ लोगों ने गन्ने की मिठास को कड़वाहट में बदल दिया था। ये वही लोग थे जो आज जिन्ना के अनुयायी बने हुए हैं, जिन्हें यहां की जनता सबक सिखाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि मैं 7,000 किसानों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने बिना किसी विवाद के अपनी जमीन दे दी।
बता दें कि इस एयरपोर्ट के तैयार हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य होगा जहां पर पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होंगे। इस परियोजना का पहला चरण साल 2024 तक पूरा होगा। जिसकी अनुमानित लागत 10,050 करोड़ रुपए से है। 1300 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर फैली यह परियोजना प्रति वर्ष 1.2 करोड़ यात्रियों को अपनी सेवा देगी।