नई दिल्ली। दिल्ली में किसानों का आंदोलन अब सरकार के लिए एक ऐसा मसला बन गया है, जिसको वह जल्द से जल्द खत्म करना चाहती है। करीब दो महीने होने को हैं। कई दौर की बातचीत के बाद भी समस्या जस की तस है। ऐसे में खबर आ रही है कि सरकार के रणनीतिकारों ने कहा है कि इसे 19 जनवरी से पहले ही सुलझा लेना चाहिए। जिससे 19 जनवरी को होने वाले बैठक में आंदोलन खत्म होने की औपचारिक घोषणा कर दी जाए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के सदस्यों को इस बाबत तैयार करने में जुटी है। कहा जा रहा है कि समिति पूसा परिसर में 19 जनवरी को अपनी पहली बैठक करने का कार्यक्रम बना रही है। बता दें कि शीर्ष न्यायालय ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर 11 जनवरी को अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। साथ ही, न्यायालय ने गतिरोध का हल निकालने के लिए चार सदस्यीय एक समिति भी नियुक्त की थी।
गौर करने योग्य यह भी है कि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान पिछले हफ्ते समिति से अलग हो गये थे। ऐसे में क्या यह संभव हो पाएगा, यकीनी तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। शीर्ष न्यायालय द्वारा समिति गठित किये जाने के बाद सरकार द्वारा प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ समानांतर वार्ता करने के बारे में पूछे जाने पर समिति के एक सदस्य ने कहा था कि हमारी समिति के जरिए या फिर प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ सरकार की अलग वार्ताओं से (दोनों में से किसी की भी कोशिश से) यदि समाधान निकल जाता है और प्रदर्शन खत्म हो जाता है, तो हमें कोई दिक्कत नहीं है।
असल में, सरकार और प्रदर्शनकारी 41 किसान संगठनों के साथ अब तक नौ दौर की वार्ता हुई है लेकिन गतिरोध दूर नहीं हो सका है। दरअसल, आंदोलनरत किसान संगठन तीनों कानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग कर रहे हैं। पिछली बैठक में केंद्र ने सुझाव दिया था कि प्रदर्शन को समाप्त करने को लेकर 19 जनवरी की बैठक के लिए किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों पर एक ठोस प्रस्ताव तैयार करने के लिए अपना अनौपचारिक समूह बनाएं।