नई दिल्ली। सोमवार की सुबह उन करोड़ां लोगों के लिए बुरी खबर लेकर आई जिन्हें भारतीय नृत्य विशेषकर कथक से लगाव रहा। कथक सम्राट बिरजू महाराज का जाना उनके लिए किसी सदमे से कम नहीं था। बिरजू महाराज की मौत की खबर जैसे ही फैलती गई, शोक सवंदेनाओं का दौर शुरू हो गया। सोशल मीडिया के तमाम मंचों में खास और आम लोग अपनी यादें साझा कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गायक मालिनी अवस्थी सहित तमाम लोगों ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथक सम्राट बिरजू महाराज के साथ अपनी तस्वीरें साझा की और शोक संवेदना प्रकट की है।
भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति! pic.twitter.com/PtqDkoe8kd
— Narendra Modi (@narendramodi) January 17, 2022
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट में लिखा, ‘कथक सम्राट, पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उनका जाना कला जगत की अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!’
कथक सम्राट, पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
उनका जाना कला जगत की अपूरणीय क्षति है।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।
ॐ शांति!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 17, 2022
कथक डांसर बिरजू महाराज का निधन हो गया है। वह 83 वर्ष के थे। बिरजू महाराज लखनऊ के कालका-बिंदादीन घराने के प्रतिपादक थे। अपनी संपूर्ण लय और अभिव्यंजक अभिनय, या हावभाव भाषा के लिए जाने जाने वाले, बिरजू महाराज ने अपनी अनूठी शैली विकसित की। उन्हें एक शानदार कोरियोग्राफर के रूप में जाना जाता था, और उन्होंने नृत्य-नाटकों को लोकप्रिय बनाने में मदद की। बिरजू महाराज प्रदर्शन कला में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता थे, जिसमें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक, 1986 में पद्म विभूषण शामिल था।
आज भारतीय संगीत की लय थम गई। सुर मौन हो गए। भाव शून्य हो गए। कत्थक के सरताज पंडित बिरजू महाराज जी नही रहे। लखनऊ की ड्योढ़ी आज सूनी हो गई। कालिकाबिंदादीन जी की गौरवशाली परंपरा की सुगंध विश्व भर में प्रसरित करने वाले महाराज जी अनंत में विलीन हो गए।
आह!अपूर्णीय क्षति है यह
ॐ शांति🙏 pic.twitter.com/dLBEy5aPqR— मालिनी अवस्थी Malini Awasthi (@maliniawasthi) January 17, 2022
पंडित बिरजू महाराज की पोती रागिनी महाराज ने बताया कि उनका पिछले एक महीने से इलाज चल रहा था। बीती रात करीब 12:15-12:30 बजे उन्हें अचानक सांस लेने में तकलीफ हुई, हम उन्हें 10 मिनट के भीतर अस्पताल ले आए, लेकिन उनका निधन हो गया।