Covid19 : एक बार फिर पूरी दुनिया ने लोहा माना, अमेरिकी वैज्ञानिक ने की भारतीय वैक्सीन की प्रशंसा

कई दूसरे देशों ने भारत में बनाई गई वैक्सीन को अपने यहां मंगाया है। हाल ही में अमेरिका के एक शीर्ष वैज्ञानिक की ओर से कहा गया है कि दुनिया के शीर्ष संस्थानों के साथ मिलकर भारत में बनाए गए कोविड-19 के टीके ने दुनिया को बेहद खतरनाक महामारी से बचाया है।

नई दिल्ली। शुरूआत में बेशक ही कई लोगों ने भारत के वैक्सीन पर सवाल उठाए, लेकिन जब भारतीय नियामक संस्थाएं ने जांच परखने के बाद इसे टीकाकरण अभियान के लिए बाजार में उतारा तो अब देश ही नहीं, विदेशों में भी इसकी प्रशंसा हो रही है। विदेशी जानकार इसके प्रभाव की सराहना कर रहे हैं। जिस हिसाब से भारत में अभियान चल रहा है, उसे भी संतोषजनक माना जा रहा है।

यही कारण है कि कई दूसरे देशों ने भारत में बनाई गई वैक्सीन को अपने यहां मंगाया है। हाल ही में अमेरिका के एक शीर्ष वैज्ञानिक की ओर से कहा गया है कि दुनिया के शीर्ष संस्थानों के साथ मिलकर भारत में बनाए गए कोविड-19 के टीके ने दुनिया को बेहद खतरनाक महामारी से बचाया है। बता दें कि ह्यूस्टन में बायलोर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के नेशनल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन के डीन डॉ पीटर होटेज ने हाल में एक वेबिनार के दौरान कहा कि एमआरएनए के दो टीकों का दुनिया के कम एवं मध्यम आय वाले देशों पर प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन भारत के टीके ने दुनिया को बचाया है और इसके योगदान को कमतर नहीं समझा जाना चाहिए।

असल में, वैश्विक स्तर पर कई देश महामारी के दौरान दवा के क्षेत्र में व्यापक अनुभव एवं ज्ञान के कारण भारत को ‘फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड’ मानते हैं। अभी ही नहीं, पहले भी सबसे बड़ा दवा निर्माता देश भारत है। कोरोना काल के शुरूआती समय में पूरी दुनिया को एसीक्यू नामक दवा की सप्लाई भारत की ओर से की गई थी। यही कारण रहा होगा कि अनुभवों के आधार पर अधिक से अधिक संख्या में देशों ने कोरोना वायरस का टीका खरीदने के लिए इससे संपर्क किया है। भारत भी पूरी दुनिया खासकर गरीब देशों की मदद के लिए आगे आते हुए मुफ्त में कोविड वैक्सीन के करोड़ों डोज की सप्लाई की है।

बता दें कि वेबिनार ‘कोविड-19: वैक्सीनेशन एंड पोटेंशियल रिटर्न टू नॉर्मल्सी – इफ एंड व्हेन’ में अपने वक्तव्य के दौरान डॉ होटेज ने कहा कि कोविड-19 के टीके का विकास वायरस से लड़ने में दुनिया को भारत का तोहफा है। भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड और भारत बॉयोटेक कोवैक्सीन का निर्माण कर रही हैं। इन दोनों ही वैक्सीन को दुनिया के कई देश अपनी मंजूरी दे चुके हैं।