कोरोना जैसे भयंकर महामारी से मुक्ति पाने के लिए कराया जा रहा है लक्ष्मी नारायण महा यज्ञ ।

संपूर्ण विश्व सहित भारत से भी जल्द ही कोरोना का समूल विनाश होगा। यह एक साधु का वजन है यह बातें बिहार की धर्मभूमि गयाजी में आयोजित हो रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ आयोजन के दौरान पधारे श्री श्री 1008 विश्व सेना जी महाराज के कृपा पात्र श्री स्वामी सुदर्शनानंद जी महाराज ने यह बातें कहीं। उन्होंने बताया कि वृंदावन से गयाजी धाम आने के क्रम में कई जगहों पर तैनात पुलिसकर्मियों ने संतो से कोरोना टेस्ट कराने की बातें कही। उन्होंने कहा कि जब संत ही कोरोना के शिकार हो जाएंगे तो फिर क्या रह जाएगा। स्वामी जी ने कहा कि साधु संतों को कोरोना के कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि साधु संतों को जब कोरोना जैसी बीमारी हो जाएगी तो फिर इस दुनिया में रह क्या जाएगा। उन्होंने कहा कि वृंदावन से आ रहे दर्जनों संत सन्यासियों ने गयाजी का महिमा का बखान करते हुए कहा कि धर्म की भूमि गयाजी में श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के आयोजन के उपरांत संपूर्ण विश्व सहित भारतवर्ष से वैश्विक महामारी कोरोना समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक संत का वचन और दावा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण और महामारी से निजात दिलाने के लिए इस महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में वृंदावन सहित देश के कई धार्मिक स्थानों से संत एवं साधुओं का आगमन हो रहा है।

वृंदावन से आए स्वामी परमानंद गिरि जी के शिष्य स्वामी हंसानंद गिरि ने कहा कि यह आपदा प्राकृतिक , आपदा के साथ-साथ इंसानों द्वारा स्वनिर्मित आपदा है। उन्होंने कहा कि यह बड़ा भारी षड्यंत्र कारियों द्वारा रचा गया स्वनिर्मित आपदा का स्वरूप है। इस षड्यंत्र में देश की दवा और ऑक्सीजन बनाने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियां इस षड्यंत्र में शामिल है। स्वामी जी ने कहा कि कहीं कोई चीज की कमी नहीं है। हमने जो गलतियां की है उसीका खामियाजा आज हम भुगत रहे हैं। ऑक्सीजन की षड्यंत्र कारियों द्वारा कृत्रिम कमी बनाकर भारत की भोली भाली जनता को लूटने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अध्यात्म और धर्म के रास्ते ही मुक्ति का रास्ता प्रशस्त होता है। हमेशा , धर्म और अध्यात्म शुद्धि की बातें करता है। आत्म शुद्धि और पर्यावरण शुद्धि के साथ-साथ मानव शारीरिक शुद्धि की आज नितांत आवश्यकता है। स्वामी जी ने कहा कि आज वैश्विक महामारी बना कोरोनावायरस सामाजिक दूरी सैनिटाइजर और मास्क जैसे वस्तु , शुद्धि का ही तो कार्य कर रहा है। तामस और राक्षसी प्रवृत्ति छोड़कर सात्विक बनकर ही इस महामारी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने जो किया था। आज उनके बताए मार्ग पर ही चल कर इस महामारी से बचने के उपाय ढूंढे जा सकते हैं। सात्विक बनकर ही अपने शरीर की यूमनिटी बढ़ाकर इस महामारी से बचा जा सकता है।

श्री धाम वृंदावन से आए धर्म रक्षक बाल व्यास मानस तिवारी ने कहा कि श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ अपने धर्म भूमि भारत की सनातन संस्कृति , भारतीय संस्कृति के मुताबिक प्राचीन काल से चली आ रही ऋषि महर्षि की परंपरा का द्योतक है। उन्होंने कहा कि यज्ञ मनुष्य और मानव जीवन के लिए शुद्धिकरण का एकमात्र द्वार है। यज्ञ में जो हविस प्रदान किया जाता है। उससे देवता प्रसन्न होते हैं। हमें शुद्ध वातावरण देते हैं , पर्यावरण देते हैं , जिससे अमृत वर्षा के रूप में बारिश होती है। प्रकृति के इस चक्र के माध्यम से बीमारियों का सर्वनाश होता है। इसलिए समय-समय पर ईश्वर और प्रकृति को पसंद करने के लिए यज्ञ , हवन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक परिवेश में धार्मिक आयोजनों की सर्वथा कमी आई है। जिसका खामियाजा सीधे-सीधे मनुष्य को झेलना पड़ रहा है।

भगवान बुद्ध की तपोभूमि बोधगया की धरती पर ग्राम जैतीया में श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के आयोजन के अवसर पर मुख्य यजमान वीरेंद्र सिंह ने बताया कि जब जब भारत की भूमि पर महामारी ने पांव पसारा है , तब तब ऋषि-मुनियों द्वारा यज्ञ और धार्मिक अनुष्ठान के माध्यम से दैत्य रूपी वायरस का दमन किया गया है। इसी निमित्त भगवान बुद्ध और विष्णु की पावन नगरी गया जी की धरती पर पर्यावरण की शुद्धि के लिए श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का आयोजन किया गया है। वीरेंद्र सिंह ने कहा कि पर्यावरण की शुद्धि आज मानव जीवन की रक्षा के लिए नितांत आवश्यक है। जिस तरह इंसान ने पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ किया है , आज उसी का खामियाजा इंसान को ही चलना पड़ रहा है। इंसानों के कु कृतियों का प्रतिफल पृथ्वी पर रहने वाले निरह प्राणियों को भी भुगतना पड़ रहा है। श्री सिंह ने कहा कि इस धार्मिक आयोजन से हमें पूर्ण विश्वास है कि संपूर्ण विश्व से वैश्विक महामारी का रूप लिए करोना का समूल नष्ट होगा। सप्ताह भर चलने वाले इसके आयोजन पूरे इस कार्यक्रम में संतों की वाणी से गुंजायमान होगा ग्राम जैतिया की भूमि। शंख घड़ीघंट और मंत्रोच्चार से संपूर्ण वातावरण धर्म में हो जाएगा। निश्चित तौर पर दैत्य रुपी कोरोनावायरस का विनाश होगा। यह हमें पूर्ण विश्वास है।