नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से दिल्ली पर बाढ़ का साया मंडरा रहा था। यमुना नदी किनारे कुछ इलाकों में पानी घुसा तो हाय-तौबा मचने लगी। सरकारी अव्यवस्थाओं की पोल खुली। नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप लगाने शुरू किया। हालांकि, प्रभावित लोगों तक सरकार और संस्थाओं की ओर से सहायता पहुंचने लगी। नेताओं का दौरा यमुना किनारे बढ़ गया।
शनिवार की दोपहर दिल्ली सरकार के दिल्ली के प्रधान सचिव-राजस्व एवं मंडलायुक्त अश्वनी कुमार ने कहा कि अब पानी घट रहा है। पानी आज और कल घटता रहेगा क्योंकि अभी बारिश की ऐसी कोई आशंका नहीं है इसलिए पानी के घटने की प्रवृत्ति जारी रहेगी। आज सुबह 11 बजे यमुना का जल स्तर 207.43 मीटर था और आज रात 11 बजे यह घटकर 206.72 मीटर हो जाएगा।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राजघाट के पास बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। यमुना में जलस्तर बढ़ने के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में भारी जलभराव हो गया है। बाढ़ के कारण लाल किला और कश्मीरी गेट का इलाका भी प्रभावित है।
मजदूर कर्मियों तथा भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों को नमन।
उनके अथक प्रयास और परिश्रम से ही WHO बिल्डिंग के सामने यमुना का तटबंध किया जा सका और ITO बराज पर गाद से जाम गेटों को खोला जा सका।
इश्वर से प्रार्थना है कि बाढ़ की स्थिति में निरंतर सुधार हो।
🙏 pic.twitter.com/JyrdJCKXJy— LG Delhi (@LtGovDelhi) July 14, 2023
दिल्ली सरकार की लोक निर्माण विभाग की मंत्री आतिशी का कहना है कि अगले 12 घंटो में दिल्ली वालों को राहत मिलेगी…ये बहुत बड़ा सवाल है कि सारा पानी सिर्फ दिल्ली के लिए क्यों छोड़ा जा रहा था। हथिनीकुंड बराज से जो पानी यूपी और हरियाणा जाता है उसके लिए एक बूंद पानी नहीं छोड़ा गया…हरियाणा को इसका जबाव देना पड़ेगा।
ISBT पर ट्रैफिक चालू हो गया है… pic.twitter.com/jq97if1ODd
— Atishi (@AtishiAAP) July 15, 2023