मास्टरकार्ड स्ट्राइव इंडिया के लॉन्च का उद्देश्य छोटे व्यवसायों को डिजिटल इकोनोमी में सफल होने में सक्षम बनाना है

कार्यक्रम का उद्देश्य 2025 तक भारत में 5,00,000 छोटे व्यवसायों तक पहुंचना है


नई दिल्ली।
मास्टरकार्ड ने आज अपने मास्टरकार्ड स्ट्राइव इंडिया कार्यक्रम के लॉन्च की घोषणा की, जो परोपकारी कार्यों के मौजूदा निकाय को एक साथ लाएगा और इसे आगे बढ़ाएगा, जिसके पीछे लक्ष्य 2025 तक 5,00,000 छोटे व्यवसायों को डिजिटल इकोनोमी में सफल होने में सक्षम बनाना है। ट्रेड एसोसिएशन्स, गैर-लाभकारी और सरकारी एजेंसियों के सहयोग से स्ट्राइव इंडिया कार्यक्रम अपने प्रयासों को माइक्रो-एंटरप्राइजेज, महिलाओं के स्वामित्व और नेतृत्व वाले व्यवसायों और कृषि-उद्यमियों पर केंद्रित करेगा। यह कार्यक्रम नए डिजिटल उपकरणों को अपनाने को प्रोत्साहित करने और बाजारों व डिजिटल फाइनेंसियल सेवाओं तक पहुंच को सक्षम करने के लिए भारत के छोटे व्यवसायों तक पहुंचने का प्रयास करेगा।

मास्टरकार्ड स्ट्राइव इंडिया मास्टरकार्ड सेंटर फॉर इनक्लूजिव ग्रोथ द्वारा समर्थित परोपकारी कार्यक्रमों के एक पोर्टफोलियो में शामिल हुआ है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में छोटे व्यवसायों को डिजिटल इकोनोमी में पनपने में मदद करना है। अतिरिक्त स्ट्राइव कार्यक्रमों में यू.एस.ए., यू.के., मैक्सिको, चेकिया, इंडोनेशिया और मलेशिया शामिल हैं। मास्टरकार्ड सेंटर फॉर इनक्लूजिव ग्रोथ में सोशल इम्पैक्ट, एशिया पैसिफिक की वाइस-प्रेजिडेंट सुभाषिनी चंद्रन ने कहा, “छोटे व्यवसाय भारत के सबसे बड़े एम्प्लॉयर बनने के लिए तैयार हैं, और वे देश की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा में समावेशिता को आधारशिला बनाने में मदद कर सकते हैं। छोटे व्यवसायों को डिजिटल परिवर्तन और विकास से वास्तव में लाभ उठाने के लिए क्षमता निर्माण से लेकर उपकरणों, नए बाजारों और ऋण तक व्यापक पहुंच तक व्यापक समर्थन की आवश्यकता है। हम दुनिया भर के लोगों को दीर्घकालिक समृद्धि हासिल करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और भारत के छोटे व्यवसायों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से सार्थक रूप से जोड़ने के लिए हम निरंतर काम करना जारी रखेंगे।”

मास्टरकार्ड के साउथ एशिया के डिवीजन प्रेजिडेंट गौतम अग्रवाल ने कहा, “मास्टरकार्ड भारत में उद्यमिता को मजबूत करने और इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह के कार्यक्रम उद्यमियों की पूरी क्षमता को उजागर करने के लिए मास्टरकार्ड के समर्पण को दर्शाते हैं। हम संपन्न अर्थव्यवस्थाओं के निर्माण के काम में सहायक भागीदार बनने के इच्छुक हैं, जो छोटे व्यवसायों को फलने-फूलने में सक्षम बनाती हैं।”

समावेशी विकास के लिए मास्टरकार्ड सेंटर 2014 से भारत में मौजूद है। 2020 में इसने भारतीयों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में सफल होने के लिए सशक्त बनाने की पांच साल की प्रतिबद्धता के साथ देश में समावेशी और टिकाऊ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को मजबूत किया, जिसमें स्थानीय गैर-लाभकारी संस्थाओं, एक उद्योग संघ और एक

सरकारी एजेंसी के साथ साझेदारी करना भी शामिल है। अभी तक केंद्र ने तीन प्रमुख डिजिटल इंक्लूजन प्रोग्राम्स शुरू किए हैं, जिनमें शामिल हैं: कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) द्वारा कार्यान्वित डिजिटल सक्षम; मान देशी फाउंडेशन द्वारा कार्यान्वित रूरल वूमैन चैंबर ऑफ कॉमर्स; और एक्सेस डेवलपमेंट सर्विसेज द्वारा कार्यान्वित मेनस्ट्रीमिंग एग्रीकल्चरल नेटवर्क्स एंड डेवलपमेंट इनीशिएटिव्स (MANDI)। मास्टरकार्ड स्ट्राइव इंडिया कार्यक्रम भारत में छोटे व्यवसायों को डिजिटल होने, पूंजी प्राप्त करने और जानकारी प्राप्त करने में मदद करने के लिए मास्टरकार्ड द्वारा की गई अन्य प्रतिबद्धताओं को भी पूरा करता है, जिसमें भारत में छोटे व्यवसायों को समर्थन देने के लिए एचडीएफसी बैंक, डीएफसी और यूएसएआईडी के साथ साझेदारी में शुरू की गई 100 मिलियन डॉलर की क्रेडिट सुविधा और मास्टरकार्ड की 250 करोड़ रुपए (3.30 करोड़ डॉलर) की प्रतिबद्धता शामिल है।

“रूरल वूमैन चैंबर ऑफ कॉमर्स में शामिल होने और मान देशी फाउंडेशन तथा मास्टरकार्ड सेंटर फॉर इनक्लूजिव ग्रोथ द्वारा प्रदान की गई व्यावसायिक सहायता सेवाओं का लाभ उठाने के बाद मैं अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करने और अधिक उत्पाद बेचने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करने तथा अपनी जैविक हल्दी का स्विट्जरलैंड को निर्यात शुरू करने में सक्षम हुई। रूरल वूमैन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने मुझे अपना व्यवसाय बढ़ाने और अधिक आत्मविश्वासी बनने में मदद की है।” एक लघु उद्योग की मालकिन और रूरल वूमैन चैंबर ऑफ कॉमर्स, मान देशी फाउंडेशन की सदस्या रंजना ने कहा।

भारत में अपने गहरे जुड़ाव के हिस्से के रूप में मास्टरकार्ड स्ट्राइव इंडिया 25 अगस्त को नई दिल्ली में एशिया इनक्लूजिव ग्रोथ फोरम के पहले संस्करण की मेजबानी करेगा। उद्घाटक फोरम में 100 से अधिक प्रभावशाली क्रॉस-सेक्टर नेतृत्वकर्ताओं को स्पष्ट, प्रभावशाली संवाद के लिए बुलाया जाएगा, जिसका उद्देश्य एक मजबूत वैश्विक दक्षिण पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।