भारत की महिला डेरी किसान वैश्विक डेरी सेक्टर के लिए प्रेरणास्रोत: मीनेश शाह

महिला डेरी किसान संगठन 'श्रीजा' को मिली वैश्विक प्रशंसा, डेरी सेक्टर में महिला सशक्तिकरण के लिए अमेरिका के शिकागो में हुए विश्व डेरी सम्मेलन में जीता पुरस्कार

नई दिल्ली। शिकागो में चल रहे विश्व डेरी सम्मेलन में कल हुए एक भव्य समारोह में भारत की ध्वज पताका को फहराते हुए भगवन तिरुपति बालाजी मंदिर की तलहटी में स्थित एक भारतीय महिला डेरी संगठन ‘श्रीजा’ को डेरी सेक्टर में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नवाचार के लिए पुरस्कार प्राप्त हुआ।
एक लाख बीस हजार (1,20,000) से ज्यादा महिला डेरी किसानों की ओर से पुरस्कार लेते हुए श्रीजा महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी (एसएमएमपीसीएल) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जयतीर्थ चारी ने कहा, “एक वैश्विक मंच पर महिला डेरी किसानों के सशक्तिकरण के लिए पुरुस्कार देश की महिला डेरी किसानों और संगठन के लिए सबसे ज्यादा गर्व का क्षण है।
“डेरी सेक्टर में महिला नेतृत्व और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने हेतु कई पहल और कार्यक्रम शुरू करने के लिए डेरी सेक्टर में विश्व का सबसे बड़े महिला संगठन पर यह पुरस्कार फबता भी है,” उन्होंने कहा। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेरी मंत्रालय की सचिव (एएचडी) सुश्री अल्का उपाध्याय भी इस अवसर पर मौजूद थीं। पुरस्कार पर अपनी प्रसन्नता प्रकट करते हुए उन्होंने एनडीडीबी, एनडीडीबी डेरी सर्विसेज और श्रीजा को उपलब्धि पर बधाई देते हुए पथप्रवर्तक प्रयासों को जारी रखने के लिए उत्साहित किया।
एक प्रतिनिधि के रूप में अंतर्राष्ट्रीय डेरी संघ (आईडीएफ) के बोर्ड पर चुने गए एनडीडीबी एवं एनडीडीबी डेरी सर्विसेज के चेयरमैन डॉ मीनेश शाह ने इस अवसर पर कहा, “भारत में डेरी की सफलता में महिलाओं का अभिन्न योगदान रहा है और वैश्विक मंच पर उनके योगदान को पहचान मिलना समय की मांग थी। इस वर्ष आईडीएफ ने ‘डेरी में महिलाएं’ विषय पर अपनी पहली रपट जारी की है, जिसमें दुनियाभर की 15 सफल उद्यमों की बात की गई है। इनमें से श्रीजा, सखी, आशा और पायस नामक चार सफल उत्पादक संगठनों को हमने तकनीकी प्रोत्साहन दिया है।
घरेलू मवेशियों की उत्पादकता में वृद्धि और आधुनिकतम तकनीक, ऑनलाइन भुगतान प्रणाली के मिश्रण के साथ डेरी सेक्टर में महिला सशक्तिकरण की लक्ष्य पूर्ति के लिए एनडीएस ने श्रीजा सहित 22 दुग्ध उत्पादक संगठनों के गठन में सहायता प्रदान की है।
“प्रफुल्लित श्रीजा की चेयरपर्सन के. श्रीदेवी ने इस अवसर पर कहा, “अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्राप्त हुए इस वैश्विक पहचान और पुरूस्कार सभी 1.20 लाख से अधिक महिला डेरी किसान सदस्यों और उनके परिवारजनों के लिए उत्साह और सुख का क्षण है, और यहाँ तक पहुंचाने का श्रेय एनडीएस के प्रोत्साहन को जाता है। इससे हमें और मेहनत करने और परिचालन वाले राज्यों में आक्रामक विस्तार के लिए प्रेरित होंगे।”
राजस्थान के उदयपुर की आशा महिला दुग्ध उत्पादक कंपनी लिमिटेड और गुजरात दुग्ध एवं विपणन सहकारी संघ सहित श्रीजा उन तीन एनडीएस प्रोत्साहित पूर्ण महिला दुग्ध उत्पादक संगठनों में शामिल थी, जिनको भारत ने इस वर्ष पुरस्कार के लिए नामांकित किया था।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कंपनी 3 राज्यों (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु) के 11 जिलों में औसतन 5.5 एलएलपीडी (लाख लीटर प्रति दिन) दूध की खरीदी करती है, और इस वित्तीय वर्ष में 1,000 करोड़ के टर्नओवर का लक्ष्य लेकर चल रही है।