आईटीयूडब्ल्यूटीएसए 2024 महिला नेतृत्व भागीदारी में ऐतिहासिक

नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डीओटी), भारत सरकार के सहयोग से दिल्ली में आयोजित आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए 24 में कल एक ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ। यह दूरसंचार मानकीकरण के क्षेत्र में लैंगिक विविधता को प्रोत्साहन देने पर केंद्रित था। अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू-टी) के दूरसंचार मानकीकरण क्षेत्र के नेतृत्व में विशेष कार्यक्रम, द नेटवर्क ऑफ़ वूमेन स्टैंडर्ड्स (एनओडब्ल्यू) ने एसटीईएम और मानकीकरण में महिलाओं की नेतृत्वकारी भूमिकाओं को प्रोत्साहन देने प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। यह विषय महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का समर्थन करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरुप विशेष रूप से अहम है। केंद्र सरकार समावेशी प्रौद्योगिकी क्षेत्र बनाने और प्रौद्योगिकी मंचों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न उपायों को लागू कर रही है। भारत इस क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, स्टार्टअप्स में महिला सह-संस्थापकों की संख्या बढ़ रही है और एसटीईएम शिक्षा में 40 प्रतिशत से अधिक प्रतिभागी महिलाएं हैं।

आईटीयू-टी में महिलाओं का नेटवर्क (एनओडब्ल्यू), डब्ल्यूटीएसए संकल्प 55 (संशोधित जिनेवा, 2022) के साथ संरेखित, मानकीकरण गतिविधियों में सक्रिय महिला भागीदारी को प्रोत्साहन देने और सभी आईटीयू-टी प्रक्रियाओं में लैंगिक-समावेशी दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है। यह पहल डिजिटल समावेशन के लिए वैश्विक प्रयास तेज होने और इसमें महिलाओं द्वारा प्रौद्योगिकी के भविष्य को स्वरुप देने में अहम भूमिका निभाने के कारण अहम है।

अपने उद्घाटन भाषण में, आईटीयू की महासचिव सुश्री डोरेन बोगदान-मार्टिन ने इस क्षेत्र में लैंगिक असंतुलन पर ध्यान देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं की संख्या बढ़ा सकते हैं और हमें विशेष रुप से मानक अध्ययन समूहों में ऐसा करना भी चाहिए। महिलाओं के लिए आगे आना, नेतृत्व भूमिका पर आना और अपनी आवाज़ बुलंद करना बहुत ज़रूरी है। यही वह है जिसके लिए नेटवर्क ऑफ़ वीमेन खड़ा है – ऐसा माहौल बनाना जहां महिलाएं सशक्त और समर्थित महसूस करें। इस परिवर्तन में मार्गदर्शन की अहम भूमिका है। मार्गदर्शन, अवसर पैदा करने और ज्ञान को साझा करने के द्वारा ही हम वास्तव में प्रगति कर सकते हैं। अगर मंच पर कोई स्थान नहीं है, तो हमें अपना स्थान बनाना चाहिए – और उन लोगों के लिए एक और स्थान बनाना चाहिए जो इसका अनुसरण करेंगे। आइए आगे बढ़ते रहें, एक-दूसरे को प्रोत्साहित और सुनिश्चित करें कि डिजिटल भविष्य का स्वरुप पूरी मानवता द्वारा बनाया जाए। साथ मिलकर, हम डिजिटल समावेशन की दिशा में वास्तविक प्रगति कर सकते हैं और करेंगे।”

डॉ. रिम बेलहासिन-चेरिफ़, एनओडब्ल्यू, आईटीयू-टी की अध्यक्ष और ट्यूनीसी टेलीकॉम में डिजिटल परिवर्तन के लिए ज़िम्मेदार मुख्य नवाचार और रणनीति अधिकारी ने आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए 2024 में लैंगिक संतुलन हासिल करने में हुई प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए 2024 का एक प्रमुख उद्देश्य लैंगिक-संतुलित प्रतिनिधिमंडलों को प्रोत्साहन देना और नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं की संख्या में वृद्धि करना था, विशेष रूप से प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुख के रूप में। पैनल चर्चा, प्रशिक्षण सत्र, ट्यूटोरियल और क्षेत्रीय तैयारी समूहों के समर्थन जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से, हमने आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए के इतिहास में महिलाओं की अब तक की सबसे अधिक भागीदारी दर प्राप्त की है।”

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जैसी विध्वंसकारी तकनीकों के उभरने के साथ ही आईसीटी मानकीकरण में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी महत्वपूर्ण है। महिलाओं का योगदान समावेशी, न्यायसंगत और दीर्घकालिक मानकों के विकास को सुनिश्चित करने में सहायता कर सकता है जो मानवता के लाभ के लिए तकनीकी प्रगति को प्रोत्साहन देगा।

इस कार्यक्रम में डोरेन बोगदान-मार्टिन द्वारा संचालित एक वार्तालाप सम्मिलित था, जिसमें बुर्किना फासो के डिजिटल परिवर्तन, डाक और इलेक्ट्रॉनिक संचार मंत्री डॉ. अमिनाता ज़ेरबो/सबाने और एस्ट्रोम की संस्थापक और सीईओ नेहा साटक शामिल थे। यह चर्चा विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) और मानकीकरण में लैंगिक अंतर को कम करने पर केंद्रित थी। पैनलिस्टों ने अधिक लड़कियों को प्रौद्योगिकी क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक सहयोगी वातावरण और शुरुआती क्षमता निर्माण के महत्व पर जोर दिया।

विशेषज्ञ पैनलिस्टों ने एआई में लैंगिक समानता से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा की और “समावेशी एआई के लिए मानक” पर पैनल चर्चा के दौरान समावेशी एआई का समर्थन करने के लिए तकनीकी मानकों के लिए प्रोत्साहन और अवसरों पर प्रकाश डाला। इस बात पर भी चर्चा की गई कि कैसे मानक लैंगिक पूर्वाग्रह को दूर करने और एक न्यायसंगत भविष्य सुनिश्चित करने में सहायता कर सकते हैं। सत्र का संचालन भारत में संयुक्त राष्ट्र महिला प्रतिनिधि सुश्री सुसान फर्ग्यूसन द्वारा किया गया। इसमें पैनलिस्ट के रुप में प्रोफेसर सैंड्रा मैक्सिमियानो, बोर्ड अध्यक्ष, संचार क्षेत्र के लिए पुर्तगाल का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण, श्री विष्णु राम, एआई विशेषज्ञ, स्वायत्त नेटवर्क पर आईटीयू फोकस समूह के उपाध्यक्ष, डॉ एलेसेंड्रा साला, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस की सीनियर निदेशक, शटरस्टॉक, ग्लोबल प्रेजिडेंट आफ वूमेन इन एआई डॉ. इबस्टेम अल्मर्जओई, संस्थापक और सीईओ एआईई3, विशेषज्ञ एआई एक्जक्यूटिव और प्रौद्योगिकी वैश्विक नेता और एमएसपीको वेलअरकज, वीरा कंप्यटूशनल आर्किटेक्ट एंड मल्टीवर्स थॉट लीडर के संस्थापक और सीईओ सम्मिलित थे।

सत्र में आईटीयू मानकीकरण में अग्रणी महिलाओं को सम्मानित किया गया। श्री सेज़ो ओनो, निदेशक, दूरसंचार मानकीकरण ब्यूरो और सुश्री मधु अरोड़ा, सदस्य, प्रौद्योगिकी/डिजिटल संचार आयोग, दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, ट्यूनीशिया के ट्यूनीसीटेलीकॉम के मुख्य नवाचार और रणनीति अधिकारी डॉ रिम बेलहासिन-चेरिफ; डॉ ह्योंग जून किम, उपाध्यक्ष, नोडब्ल्यू, आईटीयू-टी की अध्यक्ष; सुश्री रेबेका मुकिटे, आईटीयू-टी क्षेत्रीय प्रतिनिधि, अफ्रीका में एनओडब्ल्यू; सुश्री तानिया विला, संघीय दूरसंचार संस्थान (आईएफटी), मैक्सिको; सुश्री बासमा तौफिक, अंतर्राष्ट्रीय संगठन प्रबंधक राष्ट्रीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (एनटीआरए), मिस्र; सुश्री मिहो नागानुमा, टीएसएजी उपाध्यक्ष, वरिष्ठ कार्यकारी पेशेवर, एनईसी कॉर्पोरेशन, जापान सुश्री इजाबेला इग्लेवस्का, मंत्री सलाहकार, डिजिटल मामले मंत्रालय, पोलैंड; इसके अतिरिक्त, कैमरून, डोमिनिकन गणराज्य, घाना और यूरोप के सदस्य देशों को भी प्रतिनिधिमंडलों में महिलाओं की उच्च भागीदारी दर के लिए सम्मानित किया गया।

आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए 2024 दूरसंचार में लैंगिक समानता पर महत्वपूर्ण वार्तालाप को आगे बढ़ा रहा है। इसके साथ ही यह सांख्यिकीय और पूर्वाग्रहों पर चर्चा कर, पूर्वाग्रहों को कम कर रहा है और दूरसंचार एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहन दे रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) द्वारा आयोजित डब्ल्यूटीएसए 2024, वैश्विक दूरसंचार मानकों के विकास और कार्यान्वयन के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जो संपूर्ण विश्व में संचार के भविष्य को स्वरुप देने के लिए नियामकों, उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्तियों और नीति निर्माताओं को एक मंच पर लेकर आता है।