झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को कोर्ट ने दी 6 दिन की रिमांड

झारखंड के ग्रामीण मंत्री को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत रांची में एजेंसी के जोनल कार्यालय में हिरासत में ले लिया गया था। पूछताछ के दूसरे दिन उनसे करीब छह घंटे तक पूछताछ की गई।

 

रांची। टेंडर कमीशन घोटाले (Tender Commission Scam) में गिरफ्तार झारखंड के ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) को गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच रांची स्थित स्पेशल पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट में पेश किया गया। ईडी ने मंत्री से पूछताछ के लिए दस दिनों की रिमांड की पेटीशन दी। इस पर कोर्ट ने छह दिनों की रिमांड की मंजूरी दी है। रिमांड पिटीशन पर बहस के दौरान ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार ने कहा कि टेंडर घोटाले में मंत्री के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं।

ऐसे में उनसे लंबी पूछताछ करने की अनुमति दी जानी चाहिए। आलमगीर आलम के अधिवक्ता ने इसका विरोध किया। इसके बाद कोर्ट ने छह दिनों की रिमांड की मंजूरी दी। ईडी की टीम गुरुवार को आलमगीर आलम ((Alamgir Alam)) को सुरक्षा बलों के घेरे में लेकर जब कोर्ट पहुंची तो वहां बड़ी संख्या में मौजूद उनके समर्थकों ने जिंदाबाद के नारे लगाए। बता दें कि आलमगीर आलम को ईडी ने मंगलवार को साढ़े नौ घंटे और बुधवार को छह घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।

ईडी ने उनके पीएस संजीव कुमार लाल (Sanjeev Kumar Lal), घरेलू सहायक जहांगीर आलम (Jahangir Alam) और अन्य करीबियों के ठिकानों पर 6-7 मई को की गई छापेमारी में 37.37 करोड़ रुपए बरामद किए थे। पूछताछ और जांच में ईडी ने पाया है कि इस मामले में मंत्री आलमगीर आलम की सीधी संलिप्तता है। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। आलमगीर आलम झारखंड सरकार के कैबिनेट में नंबर दो की हैसियत वाले मंत्री हैं।

वह झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में कांग्रेस विधायक दल (Congress Legislature Party) के नेता भी हैं। ईडी ने उनके पीएस संजीव कुमार लाल एवं घरेलू सहायक जहांगीर लाल को 8 मई से रिमांड पर लिया है और उनसे लगातार पूछताछ जारी है। इस दौरान खुलासा हुआ है कि ग्रामीण विकास विभाग (Rural Development Department) की योजनाओं में टेंडर मैनेज करने से लेकर भुगतान में कमीशन की वसूली होती थी और इसका निश्चित हिस्सा बड़े अफसरों और मंत्री आलमगीर आलम तक पहुंचता था।