नई दिल्ली। चयनित लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मोदी ने कहा कि ये सदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार इस आसन पर विराजमान हो रहे हैं। आपको और इस पूरे सदन को मेरी तरफ से मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मेरी तरफ से आपको शुभकामनाएं हैं लेकिन इस पूरे सदन की तरफ से भी आपको अनेक-अनेक शुभकामनाएं। अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण काल खंड में दूसरी बार इस पद पर विराजमान होना बहुत बड़ा दायित्व आपको मिला है और आपका पांच वर्ष का अनुभव और आपके साथ हम लोगों का मतलब पांच साल का अनुभव, हम सबका विश्वास है कि आप आने वाले पांच साल हम सब का मार्गदर्शन भी करेंगे और देश की आशा और अपेक्षाएँ पूर्ण करने के लिए इस सदन में अपना दायित्व निभाने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रहेगी।
हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि विनम्र और व्यवहार कुशल व्यक्ति सफल सहज रूप से होता है और आपको तो उसके साथ-साथ एक मिठ्ठी-मिठ्ठी मुस्कान भी मिली हुई है। आपके चेहरे को ये मिठ्ठी-मिठ्ठी मुस्कान पूरे सदन को भी प्रसन्न रखती है। मुझे विश्वास है आप हर कदम पर नए प्रतिमान, नए कीर्तिमान गढ़ते आए हैं। 18वीं लोकसभा में स्पीकर का कार्यभार दूसरी बार संभालना ये अपने आप में एक नया-नया रिकॉर्ड बनते हम देख रहे हैं। श्री बलराम जाखड़ जी, वो पहले ऐसे अध्यक्ष थे, जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा करके फिर दोबारा उनको स्पीकर बनने का अवसर मिला था। उसके बाद आप हैं, जिन्हें पांच साल पूर्ण करने के बाद दोबारा इस पद पर आसीन होने का अवसर मिला है। गत 20 साल का ऐसा कालखंड रहा है कि ज्यादातर स्पीकर या तो उसके बाद चुनाव नहीं लड़े हैं, या तो जीतकर के नहीं आए हैं। आप समझ सकते हैं कि स्पीकर का काम कितना कठिन हैं कि उसके लिए दोबारा जीतना मुश्किल हो जाता है। लेकिन आप जीतकर के आए हैं, इसके लिए एक नया इतिहास आपने गढ़ा है।
इस सदन में ज्यादातर हमारे सभी माननीय सांसद आपसे परिचित हैं, आपके जीवन से भी परिचित हैं और पिछली बार मैंने इस सदन में आपके संबंध में काफी कुछ बातें रखी भी थी और मैं आज उसको दोहराना नहीं चाहता हूं, लेकिन मैं एक सांसद के रूप में और हम सभी सांसद के रूप में आप जिस प्रकार से एक सांसद के नाते काम करते हैं, ये भी जानने योग्य है और बहुत कुछ सीखने योग्य है। मुझे विश्वास है कि आपकी कार्यशैली as a सांसद भी, हमारे जो first timer सांसद हैं, हमारे युवा सांसद हैं, उनको जरूर प्रेरणा देगी। आपने अपने कार्यक्षेत्र में, संसदीय क्षेत्र में स्वस्थ मां और स्वस्थ शिशु, एक commitment के साथ जो अभियान चलाया है और सुपोषित मां इस अभियान को आपने जिस प्रकार से अपने क्षेत्र में प्राथमिकता देकर के खुद को involve करके किया है, वो वाकई प्रेरक है। आपने कोटा के ग्रामीण क्षेत्रों में Hospital on wheels ये भी एक मानव सेवा का उत्तम काम जो राजनीतिक कामों के सिवाय करने वाले कामों में आपने चुना है, वो भी अपने आम में गांव-गांव लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में मदद कर रहा है। आप नियमित रूप से गरीबों को कपड़े, कंबल, मौसम के अनुसार छाता की जरूरत हो तो छाता, जूते ऐसी अनेक सुविधाएं समाज के आखिरी तबके जो लोग हैं, उनको खोज-खोजकर के पहुंचाते हैं। खेलों में प्रोत्साहन देना अपने क्षेत्र के युवकों के लिए, ये आपने एक प्राथमिकता के रूप में काम उठाया है।
आपके पिछले कार्यकाल में 17वीं लोकसभा में मैं कहता हूं कि संसदीय इतिहास का वो स्वर्णिम काल खंड रहा है। आपकी अध्यक्षता में संसद में जो ऐतिहासिक निर्णय हुए हैं, आपकी अध्यक्षता में सदन के माध्यम से जो सुधार हुए हैं, ये अपने आप में एक सदन की भी और आपकी भी विरासत है और भविष्य में 17वीं लोकसभा के संबंध में जब विश्लेषण होंगे, उसके विषय में लिखा जाएगा तो भारत के भविष्य को नई दिशा देने में आपकी अध्यक्षता वाली 17वीं लोकसभा की बहुत बड़ी भूमिका होगी।
17वीं लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, Transgender Persons (Protection of Rights) Bill, Consumer Protection Bill, Direct Tax, विवाद से विश्वास विधेयक, सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्र महत्व के ऐसे कितने ही महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कानून 17वीं लोकसभा में आपकी अध्यक्षता के अंदर इस सदन ने पारित किए हैं और देश के लिए एक मजबूत नींव बनाई है। जो कार्य आजादी के 70 साल में नहीं हुए, आपकी अध्यक्षता में इस सदन ने इसको करके दिखाया।
लोकतंत्र की लंबी यात्रा में कई पड़ाव आते हैं। कुछ अवसर ऐसे होते हैं जब हमें कीर्तिमान स्थापित करने का सौभाग्य मिलता है। 17वीं लोकसभा में उपलब्धियां, मुझे पूरा विश्वास है देश आज भी और भविष्य में उसका गौरव करेगा। आज देश अपनी आकाक्षांओं की पूर्ति के लिए भारत को आधुनिक बनाने की दिशा में जब हर तरह से प्रयास हो रहे हैं, मैं मानता हूं कि ये नया संसद भवन भी अमृतकाल के भविष्य को लिखने का काम करेगा और वो भी आपकी अध्यक्षता में। नए संसद भवन में हम सबका प्रवेश आपकी ही अध्यक्षता में हुआ और आपने संसदीय कार्यप्रणाली को प्रभावी और जिम्मेदार बनाने के कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और इसलिए लोकतंत्र को मजबूती देने में मदद मिली है। लोकसभा में हम पेपरलेस डिजिटल व्यवस्था से आज काम कर रहे हैं। पहली बार आपने सभी माननीय सांसदों को briefing के लिए एक व्यवस्था खड़ी की। इससे सभी माननीय सांसदों को भी आवश्यक reference material मिला। उसके कारण सदन की चर्चा अधिक पुष्ट हुई और ये आपका एक अच्छा initiative था, जिसने सांसदों में भी विश्वास पैदा किया था, मैं भी कुछ कह सकता हूं, मैं भी अपने तर्क दे सकता हूं। एक आपने अच्छी व्यवस्था को विकसित किया।\
ये हमारा भवन, ये सिर्फ चार दीवारे नहीं है। हमारा ये संसद 140 करोड़ देशवासियों की आशा का केंद्र है। संसद की कार्यवाही, जवाबदेही और आचरण हमारे देशवासियों के मन में लोकतंत्र के प्रति उनकी जो निष्ठा है, उसको और अधिक मजबूत बनाती है। आपके मार्गदर्शन में 17वीं लोकसभा, उसकी productivity, 25 साल के highest level पर 97% रही और उसके लिए सभी माननीय सदस्य तो अभिनंदन के अधिकारी हैं लेकिन आप विशेष अभिनंदन के अधिकारी हैं। कोरोना जैसे मुश्किल कालखंड में आपने हर सांसद से व्यक्तिगत फोन पर बात करके उनका हाल पूछा। कहीं किसी सांसद की बीमारी की खबर आई तो आपने सदन के अध्यक्ष के नाते व्यक्तिगत रूप से उसकी चिंता की और वो जब सभी दल के सांसदों से जब मुझे सुनने को मिलता था, मुझे बड़ा गर्व होता था कि जैसे आप इस सदन के परिवार के मुखिया के रूप में उस कोरोना कालखंड में भी व्यक्तिगत चिंता करते थे। कोरोना काल में भी आपने सदन का काम रूकने नहीं दिया। सांसदों ने भी आपके हर सुझाव को सर आंखो पर चढ़ाया, किसी को ऊपर बैठने को कहा तो वहां जाकर के बैठा, किसी को दूसरी जगह पर जाकर के बैठने को कहा तो वो भी बैठा, लेकिन देश के काम को किसी ने रूकने नहीं दिया। लेकिन आपने आपने ये जो फैसले किए, उसका परिणाम है कि हम उस कठिन कालखंड में भी कार्य कर पाए और ये खुशी की बात है कि कोरोना काल में सदन ने 170% productivity, ये अपने आप में दुनिया के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी खबर है।
हम सब चाहते हैं कि सदन में आचरण, सदन के नियमों का पालन हम सब करें और आपने बड़े सटीक तरीके से, संतुलित तरीके से और कभी-कभी कठोरता के साथ भी फैसले लिए हैं। मैं जानता हूं कि ऐसे निर्णय आपको पीड़ा भी देते हैं। लेकिन सदन की गरिमा और व्यक्तिगत पीड़ा में आपने सदन की गरिमा को पसंद किया और सदन की परंपराओं को बनाने का प्रयास किया, इस साहस पूर्ण काम के लिए भी आदरणीय अध्यक्ष जी, आप अभिनंदन के अधिकारी हैं। मुझे विश्वास है आदरणीय अध्यक्ष जी, आप तो सफल होने ही वाले हैं। लेकिन आपकी अध्यक्षता में ये 18वीं लोकसभा भी बहुत सफलतापूर्वक देश के नागरिकों के सपनों को पूर्ण करेगी।