चंडीगढ़/नई दिल्ली,। चंडीगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रहे संजय टंडन ने कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी की जीत को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की विभिन्न धाराओं के तहत हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में टंडन ने तिवारी पर लोकसभा चुनाव के दौरान भ्रष्ट आचरण में शामिल होने का आरोप लगाया है और उनकी जीत को रद्द करने की अपील की है। चंडीगढ़ सीट पर मुख्य मुकाबला संजय टंडन और मनीष तिवारी के बीच ही था जिसमें तिवारी 2,504 वोटों के मामूली अंतर से जीते थे।
अपनी याचिका में संजय टंडन ने कहा है कि मनीष तिवारी को पहले भी भ्रष्ट आचरण के लिए रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा फटकार लगाई गई थी। इसके बावजूद तिवारी और उनके समर्थक चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने वाली गतिविधियों में शामिल रहे।
याचिका में तिवारी के चुनाव को रद्द करने और संजय टंडन को चंडीगढ़ लोकसभा सीट का विधिवत निर्वाचित सांसद घोषित करने की मांग की गई है। इसमें तिवारी सहित कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने मतदाताओं को पैसे का लालच दिया और नौकरी की गारंटी देने जैसे भ्रामक वादे किए। साथ ही, चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रीय प्रतीक का दुरुपयोग किया, जो जन प्रतिनिधित्व कानून की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन है। याचिका में हाई कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 100 और धारा 101 के तहत इस तरह का भ्रष्ट आचरण उनके चुनाव को रद्द करने का आधार है।
संजय टंडन के वकील चेतन मित्तल, आशु एम पुंछी और सत्यम टंडन हाई कोर्ट में मामले की पैरवी कर रहे हैं। टंडन की याचिका पर अदालत ने 7 अगस्त को प्रस्ताव का नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी।
मनीष तिवारी के चुनाव को हाई कोर्ट में चुनौती
अब कानून की चौखट पर पहुंची चंडीगढ़ लोकसभा सीट की लड़ाई. कांग्रेस सांसद पर लगाया चुनाव में भ्रष्ट आचरण अपनाने का आरोप