कांग्रेस और ओबैसी क्यों कर रहे हैं वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध

 

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे अव्यावहारिक बताया। उन्होंने एक साथ चुनाव के प्रस्ताव को मंजूरी को चुनाव से पहले एक चुनावी हथकंडा करार देते हुए कहा, ‘जब चुनाव आते हैं, तो वे (भारतीय जनता पार्टी) ये सब बातें कहते हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता भी इसे स्वीकार नहीं करेगी। उनकी यह टिप्पणी केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दिये जाने के बाद आयी है।

इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाले एक पैनल ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले मार्च में रिपोर्ट सौंपी थी। खड़गे ने कहा कि हम इसके साथ नहीं खड़े हैं। लोकतंत्र में एक देश एक चुनाव नहीं चल सकता। यदि हम चाहते हैं कि हमारा लोकतंत्र जीवित रहे तो आवश्यकता पड़ने पर चुनाव कराने होंगे। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इस देश में यह बिल्कुल भी व्यावहारिक नहीं है। वे मौजूदा मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं।

राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि एक देश, एक चुनाव नहीं हो सकता, कानून में संशोधन करना होगा और उनके पास कानून में संशोधन के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं है। भाजपा पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा करते हैं। महिला आरक्षण बिल तो पास हो गया, लेकिन क्या इसे लागू किया गया? इसी तरह एक राष्ट्र, एक चुनाव का प्रचार-प्रसार चल रहा है।

इसको लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि मैंने लगातार एक राष्ट्र एक चुनाव का विरोध किया है क्योंकि यह समस्या की तलाश में एक समाधान है। यह संघवाद को नष्ट करता है और लोकतंत्र से समझौता करता है, जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है। मोदी और शाह को छोड़कर किसी के लिए भी कई चुनाव कोई समस्या नहीं हैं।

ओवैसी ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि उन्हें नगरपालिका और स्थानीय निकाय चुनावों में भी प्रचार करने की अनिवार्य आवश्यकता है, इसका मतलब यह नहीं है कि हमें एक साथ चुनाव कराने की आवश्यकता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह अव्यावहारिक है। उन्होंने एक साथ चुनाव के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने को चुनाव से पहले चुनावी हथकंडा करार देते हुए कहा कि जब चुनाव आते हैं, तो वे (भारतीय जनता पार्टी) ये सब बातें कहते हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता भी इसे स्वीकार नहीं करेगी।